एक झलक

मुस्लिम लड़कियों की शादी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

दिल्ली10दिसम्बर :सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की शादी की एक समान उम्र तय करने की राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. अदालत ने धर्म और पर्सनल लॉ का हवाला देकर नाबालिग मुस्लिम लड़कियों का निकाह कराए जाने पर आपत्ति जताई है. इस नोटिस पर अदालत ने केंद्र सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने सभी धर्मों और समुदायों की लड़कियों के लिए शादी की उम्र 18 साल करने के निर्देश देने की मांग की है. एनसीडब्ल्यू ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ को छोड़कर वभिन्न पर्सनल लॉ में शादी की न्यूनतम उम्र दंड प्रावधानों के अनुरूप है. अन्य पर्सनल लॉ में शादी के लिए पुरूषों की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं के लिए 18 है.

दरअसल राष्ट्रीय महिला आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दखिल कर कर्नाटक और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट सहित कई और हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों पर रोक लगाने की मांग करते हुए इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करने की मांग की. इन फैसलों में पर्सनल लॉ का हवाला देते हुए मुस्लिम लड़कियों की शादी उनके पीरिएड शुरू होने के बाद कभी भी किए जाने को जायज ठहराया गया था. राष्ट्रीय महिला आयोग ने विवाह के लिए एक समान न्यूनतम आयु सीमा तय करने की गुहार के साथ हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 15 साल की भी मुस्लिम लड़की के विवाह को जायज बताया गया है. अब मामले की अगली सुनवाई आठ जनरी 2023 को होगी.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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