एक झलक

राममंदिर के साथ गिद्धराज जटायु को यूपी लाएगी योगी सरकार:विश्व का पहला गिद्ध प्रजनन केंद्र बनेगा गोरखपुर

24अप्रैल2022

यूपी में राम मंदिर निर्माण के साथ जटायु को भी लाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। विश्व का पहला राज गिद्ध प्रजनन एवं संवर्धन केंद्र उत्तर प्रदेश में मूर्त रूप लेने जा रहा है। योगी सरकार की तय योजना के मुताबिक, गिद्धों की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति जिनको राज गिद्ध कहते हैं, उनके प्रजनन का केंद्र गोरखपुर में शुरू होने जा रहा है। रामायण में जिस जटायु का वर्णन किया गया है, उसी प्रजाति के राज गिद्ध के संवर्धन के लिए यूपी सरकार 15 वर्षों में 35 करोड़ रुपए खर्च कर उनको प्रदेश में लाने का कार्य करने जा रही है।

इसके लिए पहला बजट सात करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए गए हैं। हर साल के सितंबर के पहले शनिवार को अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस मनाया जाता है, जो इस बार तीन सितंबर को मनाया जाएगा। इसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के कैम्पियरगंज में बनकर तैयार हुए गिद्ध प्रजनन केंद्र का शुभारंभ कर सकते हैं। यहां पहले चरण में तीन जोड़ी राज गिद्ध लाए जाएंगे। यह कार्य यूपी सरकार बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के साथ मिलकर करेगी।

15 साल में बढ़ाई जाएगी राज गिद्ध जटायु की संख्या

बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और योगी सरकार के बीच में 15 साल का समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत योगी सरकार ने गोरखपुर के कैंपियरगंज में 24 बीघे जमीन दी गई है। इसमें ओबरी रूम के साथ अस्पताल, लैब और सीसीटीवी लगाए जाएंगे। 15 सालों में उत्तर प्रदेश सरकार 35 करोड़ रुपए का बजट खर्च करेगी।

इसके लिए सात करोड़ रुपए की पहली किश्त 18 अप्रैल 2022 को स्वीकृत कर ली गई है। सोसाइटी की वरिष्ठ जीव वैज्ञानिक अलका दुबे ने बताया गिद्धों के संरक्षण के लिए कई तरह से देश और दुनिया में कोशिशें की जा रही हैं। उसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ उनकी सोसाइटी ने भी कार्य शुरू किया है।

प्रोजेक्ट जटायु की यह है तैयारी

यूपी में शुरू होने वाले प्रोजेक्ट जटायु के तहत जो तैयारी की गई है, उसको तीन चरणों में बांटा गया है। अलका दुबे ने बताया कि वर्ष 2021-22 में तीन जोड़ी गिद्ध कैंपियरगंज गोरखपुर के संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र में लाए जाएंगे। इसी तरह वर्ष 2022-23 में सात जोड़ी नए राजगिद्ध इस केंद्र में लाए जाएंगे। उसके बाद वर्ष 2023-24 में दो जोड़ी और राज गिद्ध लाए जाएंगे। इस केंद्र में रखकर इन गिद्धों की संख्या बढ़ाने का कार्य किया जाएगा।

अलका दुबे ने बताया कि 12 जोड़ी गिद्धों से उम्मीद है, कि 15 सालों में इनकी संख्या 150 से 180 के बीच हो जाएगी। उन्होंने बताया कि हर साल फीमेल गिद्ध सिर्फ एक अंडा देती है, जिसको कैचिंग करके प्रजनन केंद्र में दो करने की कोशिश की जाती है। वर्तमान में यूपी के तराई क्षेत्र में लगने वाले 18 जिलो में उनकी संस्था गिद्धों के संवर्धन पर कार्य कर रही है। उसके लिए नेपाल बार्डर से लगने वाले 100 किलोमीटर के दायरे में कार्य चल रहा है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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