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रिटायर जजों ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र

नई दिल्ली14जून: नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद यूपी में कई जगहों पर जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई थी. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की. प्रदर्शनकारियों पर की जा रही इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के तीन पूर्व जज और वकीलों समेत 12 लोगों ने CJI को पत्र याचिका भेजी है. इसमें आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारियों का दमन किया जा रहा है. साथ ही इस मामले पर सुनवाई की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि सीएम ने लोगों को दंडित करने का बयान दिया. वहीं पुलिस ने लोगों को पीटा और पिटाई के वीडियो वायरल किए. इसके साथ ही मकानों को गिराया जा रहा है.

पत्र लिखने वालों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी, जस्टिस वी गोपाला गौडा, जस्टिस ए के गांगुली, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज एपी शाह, मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जज के चंद्रू, कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व जज मोहम्मद अनवर के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील शांति भूषण, इंदिरा जयसिंह, चंदर उदय सिंह, आनंद ग्रोवर, मद्रास हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण शामिल हैं.

पत्र याचिका में सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश में नागरिकों पर हाल ही में हुई हिंसा और दमन की घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेने की गुहार लगाई गई है. इसमें कहा गया है कि भाजपा के कुछ प्रवक्ताओं ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद देश के कई हिस्सों, खासकर यूपी में विरोध प्रदर्शन हुए हैं. प्रदर्शनकारियों को अपना पक्ष रखने का मौका देने के बजाय यूपी राज्य प्रशासन ने ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ हिंसक और दंडात्मक कार्रवाई करने की मंज़ूरी दे दी है. यूपी पुलिस ने 300 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है. विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. पुलिस हिरासत में युवकों को लाठियों से पीटा जा रहा है, जिसके वीडियो भी सार्वजनिक हुए हैं. प्रदर्शनकारियों के घरों, दुकानों को बिना किसी नोटिस या कार्रवाई के ध्वस्त किया जा रहा है. अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय का पुलिस पीछा कर रही है.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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