राजनीति

रैली में अरविंद केजरीवाल का पोस्टर हटवाकर ही कांग्रेस नेताओं ने लिया दम

नई दिल्ली01 अप्रैल :दिल्ली में इंडी गठबंधन की रैली हुई। इस रैली में पोडियम के पास अरविंद केजरीवाल का एक पोस्टर टंगा था, लेकिन ये पोस्टर कॉन्ग्रेस की आँखों में चुभ गया। कॉन्ग्रेसी नेताओं ने ऑब्जेक्शन किया, उस पोस्टर को हटाया गया, तब जाकर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मंच पर पहुँचे। कॉन्ग्रेस ने साफ कहा कि ये रैली किसी एक व्यक्ति के समर्थन या गिरफ्तारी के विरोध में नहीं, बल्कि इंडी गठबंधन के सभी दलों की तरफ से की गई है, ऐसे में हरेक जगह सिर्फ अरविंद केजरीवाल का चेहरा रखना ठीक नहीं। हालाँकि कार्यक्रम के दौरान बड़े बोर्ड पर पीछे की तरफ सभी दलों के नेताओं की तस्वीरें बारी-बारी से फ्लैश होती रही।

भगत सिंह से तुलना नहीं आई पसंद?

आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी केजरीवाल की तुलना भगत सिंह से करते रहते हैं। अभी दो दिन पहले भी अरविंद केजरीवाल को भगत सिंह का शिष्य बताते हुए एक ऑनलाइन कैंपेन चलाया गया था। मंच के पोडियम पर अरविंद केजरीवाल की जो तस्वीर लगी थी, उसमें अरविंद केजरीवाल सलाखों के पीछे दिख रहे थे। ऐसे में इस तस्वीर पर लगातार सबकी निगाहें होती। यही वजह है कि कॉन्ग्रेस ने पहले ये तय कर लिया कि जब अरविंद केजरीवाल की तस्वीर हटा दी गई हो, इसके बाद ही कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मंच पर कदम रखेंगे। वहीं, दूसरे दलों के नेताओं ने कॉन्ग्रेस जैसा कोई कदम नहीं उठाया।

कांग्रेस पहले भी इस बात पर जोर दे चुकी थी कि यह एक व्यक्ति केंद्रित रैली नहीं है। शनिवार (30 मार्च 2024) को ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था, ‘यह किसी व्यक्ति विशेष पर केंद्रित रैली नहीं है। इसीलिए इसे ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली कहा जा रहा है। उनकी इस टिप्पणी को इसलिए भी अहम माना गया क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता इस रैली को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में आयोजित रैली के रूप में पेश कर रही है। हालाँकि एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने अरविंद केजरीवाल का पोस्टर हटाकर ये साफ कर दिया है कि वो ही इस गठबंधन में सबसे ताकतवर है।

पिछले साल अरविंद केजरीवाल ने काटा था बवाल

बता दें कि इंडी एलायंस की मुंबई रैली के समय अरविंद केजरीवाल का चेहरा पोस्टर पर न होने से बवाल बढ़ गया था, लेकिन बाद में राहुल गाँधी की जगह अरविंद केजरीवाल की तस्वीर लगाई गई थी। वहीं सोनिया गाँधी का चेहरा पोस्टर पर मौजूद था। ये मामला 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में इंडी गठबंधन की बैठक के दौरान का है। तब नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और जयंत चौधरी जैसे लोग इंडी गठबंधन के साथ थे।

इस दौरान एक पोस्टर 30 अगस्त को जारी किया गया था, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चेहरा नहीं था। इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई थी, तो उस पोस्ट को डिलीट करके दूसरा पोस्टर जारी किया गया था। इस नए पोस्टर में राहुल गाँधी की जगह अरविंद केजरीवाल के चेहरे को जगह दी गई थी। इस बार मौका मिला, तो कॉन्ग्रेस ने पोडियम से अरविंद केजरीवाल को हटाने में बिल्कुल भी देरी नहीं की।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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