वाराणसी में खेला गया दुनिया का अनोखा क्रिकेट मैच धोती-कुर्ता में खिलाड़ियों ने लगाए चौके-छक्के, संस्कृत हुई कमेंट्री
वाराणसी28जनवरी :संस्कृत भाषा को देववाणी कहा जाता हैं और विश्व की सबसे प्राचीन भाषा के रुप मे इसका महत्व है। संस्कृत भाषा के प्रति आज भी लोगो का प्रेम जुड़ा हुवा हैं। इसका सबूत सिगरा स्थित डा. संम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम में संस्कृत भाषा में किक्रेट की कमेंट्री को देखकर मिला। सिगरा स्थित डा. संम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम में धोती-कुर्ता पहने चुटियाधारी, तिलकधारी क्रिकेटर मैदान में उतरे। इसके बाद जमकर चौके-छक्के लगते रहे। मौका था संस्कृत भाषा व इसके संवर्धन के लिए प्रयत्नशील दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय के 79वें स्थापनोत्सव का हर साल यह मैच संम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान पर होता रहा है। इस बार वहां अव्यवस्था के कारण यह मैच सिगरा स्थित स्टेडियम में आयोजित हुआ। सुबह मुख्य अतिथि व शहर दक्षिणी के विधायक डा. नीलकंठ तिवारी ने बटुकों से संस्कृत में परिचय प्राप्त किया। इसके बाद कुछ गेंद बटुकों से डलवाई व क्रिकेट खेल कर उदघाटन किया।
प्रारम्भ में संस्था के पूर्व प्राचार्य डा. गणेश दत्त शास्त्री व प्रबंधक डा. विनोद राव पाठक ने मुख्य अतिथि को माल्यार्पण व अंगवस्त्रम् प्रदान कर अभिनन्दन किया। इस मौके पर डा. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि छात्रों को केवल वेदपाठी ही नहीं समझना चाहिए। उन्हें हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा निखारने के लिए एक अवसर प्रदान करना चाहिए।
संस्कृत में कमेंट्री व्याकरणशास्त्र के मूर्धन्य विद्वान् डा. शेषनारायण मिश्र व वैदिक विकास दीक्षित ने किया। कार्यक्रम संयोजक व संस्था के प्राचार्य पवन कुमार शुक्ल ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह अनोखा आयोजन काशी में आयोजित होता आ रहा है। इसकी प्रशंसा प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात‘ कार्यक्रम में किया था। मैच में सारे नियम लगभग किसी अंतर्राष्ट्रीय मैच के ही सामन थे।
अम्पायर की भूमिका में पूर्व खिलाड़ी धीरज मिश्रा, अनुज नीशी तिवारी व डा. अशोक पाण्डेय रहे। मैच में चार टीमों ने प्रतिभाग किया। इनमें श्रीमाहाविद्यालय इंटरनेशनल चंद्रमौलि चेरिटेबल संस्कृत संस्थान, चल्ला शास्त्री वेद-वेदांग संस्कृत विद्यालय व श्रीभगवान् विष्णु स्वामी सतुआ बाबा संस्कृत विद्यालय की टीमें थीं।