विद्युत विभाग:चिराग तले अंधेरा:बडके बाबू की नाक के नीचे हो गया खेल,मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण अभियंता के सामने हो गए फेल,शम्भू के राज में पनपता काला साम्राज्य
वाराणसी 9 अप्रैल:पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम के मुखिया बड़के बाबू की नाक के नीचे भ्रष्टाचार के हो गए बड़े – बड़े खेल।
पूर्वान्चल के बड़ेबाबू ने जब मुखिया का पद ग्रहण किया उस वक्त वाराणसी क्षेत्र के ग्रामीण मंडल में 11 हजार लाइनो की अवैध शिफ्टिंग के 2 मामले रंगेहाथों पकड़े गए थे औऱ 4 मामलों के उजागर होने के बाद जांच समिति बनी थी। डिस्कॉम में नियुक्ति के समय अवैध शिफ्टिंग के काले साम्राज्य का भंडा फूटना सुरु हो चुका था।
पर समय के साथ बड़के बाबू के पुराने होने के साथ साथ बड़के बाबू की नाक के नीचे भ्रष्टाचार का खेल भी अपने चरम पर पहुचता गया,बड़के बाबू को जो दिखाया जा रहा औऱ सुनाया जा रहा वो ही देख,सुन रहे हैं जिसके कारण लाइन शिफ्टिंग के काले साम्राज्य के आकाओं ने अब खुले आम 11 हजार लाइनो के बाद 33 हजार लाइनो पर हाथ साफ़ करने लगे है।
प्रबंध निदेशक की नाक के नीचे पनप रहे काले साम्राज्य से दो बातें साबित हो रही है बड़के बाबू या तो अक्षम है या बड़के बाबू भ्रष्टाचार में शामिल या प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप में समर्थक है
चिराग तले अंधेरा
#उपभोक्ता की आवाज की खबर के बाद मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण अभियंता ने एक मामले में रंगेहाथों 11 हजार लाइन की अवैध शिफ्टिंग करते अवर अभियंता को पकड़ा,मौके से तार औऱ विद्युत पोल बरामद हुए, 2 दिनों बाद बरामद तार औऱ पोल ग़ायब हो गए औऱ अवर अभियंता से चोरी की FIR दर्ज करवाई गई पूरे मामले में सहायक अभियंता को बचाते हुए अवर अभियंता को निलंबित किया गया जबकी अवर अभियंता ने लिखित बयान में सहायक अभियंता के कहने पर लाइन शिफ़्ट करने की कबूल किया था। मामला फ़ाइलो में दफ़न है बड़के बाबू नए नए आये है भ्रष्टाचारी मस्त।
#उपभोक्ता की आवाज़ की खबर के बाद मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण ने भदोही बॉर्डर पर 11 हजार लाइन की अवैध शिफ्टिंग रंगेहाथों पकड़ी उसमे भी मौके पर तार, पोल औऱ एक ट्रांसफार्मर पकड़ा गया 2 दिन बाद उसमें भी एक FIR कर चहेतों को बचाया गया, मौके से बरामद ट्रांसफार्मर की जांच मुख्य अभियंता आज तक कर रहे है। मामला फ़ाइलो में दफ़न है। बड़के बाबू थोड़ा पुराने हुए है भ्रष्टाचारी मस्त।
#उपभोक्ता की आवाज की शिकायत के बाद 11 हजार लाइन के 3 मामले उजागर हुए कोई कार्यवाही नही है प्रबंधन द्वारा जांच समिति बनी 1 वर्ष बाद आज तक जांच हो रही है मामला फ़ाइलो में दफ़न हैं। बड़के बाबू अन्य कामो में मस्त भ्रष्टाचारी भी मस्त।
#11 हजार लाइन की अवैध शिफ्टिंग के मामलों का बड़े पैमाने पर उजागर होने औऱ सुर्खियों में रहने के कारण तत्कालीन निदेशक, तकनीक ने ग्रामीण मंडल के खंड-प्रथम औऱ द्वितीय में व्यापक जांच के लिए मुख्य अभियंता,वाराणसीऔऱ अधीक्षण अभियंता,ग्रामीण की समिति बनाई औऱ रिपोर्ट जल्द देने का निर्देश दिया पर जांच फ़ाइओ में दफ़न है भ्रष्टाचारी मस्त है इस दौरान मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण अभियंता ने कई अवैध तरीके से शिफ़्ट लाइनो को पकड़ा पर चहेतों को बचाने में मस्त रहे।
#उपभोक्ता की आवाज के द्वारा 33 हजार लाइन की अवैध शिफ्टिंग से मुख्य अभियंता औऱ अधिक्षण अभियन्ता को अवगत कराया दोनों ने मौके पर जा कर मामला पकड़ा पर फिर लग गए चहेतों को बचाने में इस बार फ़िर FIR का खेल खेला गया औऱ शिफ़्ट किये गए माल को बरामद करवाया औऱ पुनः उसी जगह लगवा कर सारे मामलों को ही खत्म कर दिया 33 हज़ार लाइन क्यो हटी, किसने हटवाई, कब हटी,कौन जिम्मेदार ये सब काल के गाल में दफ़न। बड़के बाबू रहे मस्त भ्रष्टाचारी भी मस्त।
बड़के बाबू को लगभग 2 वर्ष हो चुके हैं आये दिन मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण अभियंता की शिकायत दरबार मे पहुँच रही हैं। पर बड़के बाबू न जाने कौन से खेल में मस्त है कि बड़के बाबू की नाक के नीचे खुलेआम हो रहा भ्रष्टाचार के खेल नजरो से ओझल है
भ्रष्टाचार के खेल में बड़के बाबू मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण अभियंता से होते जा रहे फेल
बड़के बाबू की नाक के नीचे 33 हजार लाइन की अवैध शिफ्टिंग के दूसरे मामले से जल्द उठेगा पर्दा
भ्रष्टाचार के विरुद्ध शेष है युद्ध…………