विद्युत विभाग:प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में एक औऱ घोटाले की गूंज से निगम मुख्यालय का माहौल गर्म
वाराणसी 28 मार्च:पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम प्रधानमंत्री के क्षेत्र वाराणसी में विश्वस्तरीय बिजली व्यवस्था औऱ स्मार्ट सिटी के तहत तमाम योजनाओ के माध्यम से करोड़ो के कार्य कराये गये।जिनमे भ्रष्टाचार के आरोप भी अधिकारियों पर लगते रहे।
निगम में बिजली व्यवस्था औऱ भ्रष्टाचार दोनों समानांतर चलती रही भ्रष्टाचारियो औऱ उनके आकाओं के सह-मात के खेल में कुछ भ्रष्टाचार की जाँच आज भी फाइलो में दफन है तो कुछ में एक जांच होने के बाद दूसरी जाँच बैठा कर भ्रष्टाचार की टोपी के साथ रैपिड फायर राउंड में किसी की बली चढ़ी तो कोई भ्रस्टाचार के आरोपो से बच निकले।
वाराणासी नगरीय मंडल-द्वितीय में 70 लाख का भ्रष्टाचार
बिजनेस प्लान के तहत वाराणासी में दालमंडी क्षेत्र में 1.5 किलोमीटर एल०टी० ओवर हेड नंगे तारो को बदल कर ए०बी०सी० केबल लगाने औऱ पुराने सर्विस केबल को हटा कर नया आर्मड केबल लगाने के कार्य मे जम कर भ्रष्टाचार के खेल का खुलासा होने पर 70 लाख रुपये घोटाला प्रकरण में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता की जांच रिपोर्ट में सर्किल-प्रथम के निर्माण खंड के तत्कालीन सहायक अभियंता सर्वेश कुमार यादव को भी प्रकरण में दोषी पाया गया था। सर्वेश कुमार वर्तमान में मछोदरी डिवीजन के चौक उपकेंद्र में एस०डी०ओ० के पद पर तैनात है। इसके अलावा मेसर्स सत्यम शिवम सुंदरम कंस्ट्रक्शन भी कार्य पूर्ण न करने एवं विभागीय सामाग्री वापस नहीं करने के लिए उत्तरदायी पाया गया। तत्कालीन अधीक्षण अभियंता दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में बनी जांच समिति की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
तत्कालीन मुख्य अभियंता ने बनाई दूसरी जांच समिति
अधीक्षण अभियंता अपनी जांच रिपोर्ट को तत्कालीन मुख्य अभियंता अनूप वर्मा को सौंपी थी। मुख्य अभियंता ने जांच के लिए दूसरी 4 सदस्यीय समिति गठन कर दी थी। समिति ने पहली जांच रिपोर्ट को दरकिनार कर खेल कर दिया। समिति ने सहायक अभियंता सर्वेश कुमार यादव का नाम ही रिपोर्ट से गायब कर दिया। जाँच रिपोर्ट में सिर्फ अवर अभियंता मोनी कुमारी को दोषी ठहराया गया।
उल्लेखनीय है कि चौकाघाट डिवीजन के दालमंडी मोहल्ले में ए०बी०सी०औऱ आर्मड केबल लगाने के लिए 70 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। निर्माण खंड की अवर अभियंता की देखरेख में काम शुरू हुआ। ठेकेदार ने कुछ जगहों पर ए०बी०सी० लगाई। हजारों उपभोक्ताओं के घर आर्मड केबल नहीं लगाई गई। बिना काम कराये पैसे का भुगतान करा लिया गया।