एक झलक

विद्युत विभाग:प्रधानमंत्री के स्मार्ट सिटी के विधुतीय कार्यो का घोटाला करोड़ो में पहुँचने आसार:भुगतना में नही लगे क्वालिटी सेल के प्रमाण-पत्र:क्या होगा निर्माण खंड का ऑडिट?

वाराणासी 1 अप्रैल:पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बाद क्षेत्रे में तमाम विभागों के साथ विद्युत विभाग के द्वारा करोड़ो की योजनाओं के तहत विद्युतीय कार्य कराये गये।
वाराणासी में वितरण मंडल-प्रथम/द्वितीय के द्वारा टर्न-की के आधार पर टेंडर करा कर विधुतीय कार्य पूर्ण कराये गये।
विधुतीय कार्यो में ठेकेदार की सामग्री निर्माण खंड के द्वारा प्राप्त कर औऱ ठेकेदार को निर्गत की जाती है।
विधुतीय कार्यो की सामग्रियो का भौतिक सत्यापन निर्माण खंड के जिम्मे रहता है औऱ नव निर्माण में लगी सामग्रियो की गुणवत्ता के परख निगम के सामग्री प्रबंधन इकाई के द्वारा किया जाता है जिसकी गुणवत्ता का प्रमाण पत्र देने के बाद ठेकेदार को भुगतान किया जाता है।
सूत्र बताते है कि 70 लाख के घोटाले में ठेकेदार की सामग्रियों का क्वालिटी प्रमाण पत्र नही जारी किया गया।
जांच समिति ने 70 लाख के घोटाले में अवर अभियंता को दोषी करार दिया।

निर्माण खंड के ऑडिट से होगा स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार का खुलासा

टेंडर की शर्तों में किया गया खेल

70 लाख का घोटाला करोड़ो में पहुँचने की संभावना

घोटालेबाज अवर अभियंता 10 वर्षो से निर्माण खंड में है तैनात

पिछले 10 वर्षी में तैनात अधिषासी अभियन्ता सक्रिय

वाराणासी स्मार्ट सिटी में विद्युतीय कार्यो में मात्र एक काम मे 70 लाख के घोटाले में जो अवर अभियंता दोषी पाया गया वो वर्ष 2014 से निर्माण खंड में ही तैनात है।

सूत्र बात रहे है कि पीछे 10 जितने भी स्मार्ट सिटी में टर्न-की के तहत विद्युतीय कार्य कराये गये है उनमें प्रयुक्त सामग्रियो की क्वालिटी चेक प्रमाण पत्र बिना ठेकेदारों को भुगतान किया गया औऱ ठेकेदार को फायदे के लिए टेंडर की शर्तों के साथ भी खेल किया गया है सूत्रों की माने तो अगर डिस्काम के मुखिया द्वारा निर्माण खंड प्रथम की निष्पक्ष ऑडिट करा दी जाय तो करोड़ो के घोटाले सामने आ सकते है ।

पिछले 10 वर्षों के दौरान निर्माण खंड में तैनात सभी तैनात अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियंता द्वारा अवर अभियन्ता के गठजोड़ से करोड़ो के घोटाले की प्रबल संभावना है। जिसके जीत जागता सबूत वायरल ऑडियो क्लिप कर रहे है।
ताजा ऑडियो क्लिप में निर्माण खंड में पूर्व में तैनात अधिशासी अभियन्ता औऱ दोषी अवर अभियंता को अभ्यावेदन देने से पहले एक बैठक की बात की जा रही है।
पर डिस्काम मुख्यालय में बैठे गाड फादर के द्वारा जोन की कमेटी की जांच रिपोर्ट को दबाकर मामले की लीपापोती करने की तैयारी में प्रबंधन लगा हुआ है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *