72 वर्षों बाद महाशिवरात्री एवं प्रदोष व्रत एक साथ भगवान शिव के साथ मिलेंगी माता लक्ष्मी की कृपा
7 मार्च 2024
72 वर्षों के बाद महा शिवरात्रि के दिन अब क्योंकि इसी दिन प्रदोष का व्रत भी है और देवाधिदेव महादेव की आराधना का सबसे बड़ा और पवित्र दिन भी है|
महा शिवरात्री 8 मार्च को है और महा शिवरात्री भगवान शंकर की आराधना का सबसे बड़ा महापर्व है जो भी भक्त इस दिन भगवान शिव की आराधना करते हैं उन पर भगवान की विशेष कृपा होती है भगवानशंकर को भोलेनाथ भी कहा जाता है कम पूजा में वो प्रसन्न होते हैं और सभी देवी देवताओं के पूजन की विधि तो बड़ी कठिन भी है लेकिन भगवान भोलेनाथ के पूजन विधि बहुत ही आसान है आपको बताते चलें कि शस्त्र के अनुसार जीस दिन अर्धरात्रि में चतुर्दशी होती है उसी दिन शुभ रात्रि का व्रत किया जाता है शिवरात्रि महत्त्व में भी यहीवर्णन किया गया है फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 मार्च को रात्रि 9:47 पर लगेगी और 8 मार्च को दिन में 9:18 से 8 मार्च को दिन में 7:59 तक खत्म होगी|