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विद्युत विभाग:बिल संसोधन कर विभाग को लगाया लाखो का चूना खंड के अधिकारी,कर्मचारी समेत 25 दोषी
- वाराणसी 2 अक्टूबर:पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के विद्युत वितरण खंड-खलीलाबाद में वर्ष-2016 से 2019 के बीच उपभोक्ताओं के बिजली बिल को बिल संसोधन के नाम से घटाई गई धनराशि के प्रकरण में जांचोपरांत प्रथम दृष्टया अधिकारी औऱ कर्मचारियो समेत 25 लोगो को दोषी पाया गया है। मुख्य महाप्रबंधक(लेखा एव सम्प्रेक्षा)उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लखनऊ के द्वारा जांच में पाए गये निम्न कार्मिक ,जिनके नाम है।
अभियन्ता
1-संजय कुमार सिंह,अधिषासी अभियन्ता(दो कार्यकाल में दोषी)
2-ई०अरविंद सिंह,अधिषासी अभियन्ता
3-ई०राजकुमार सिंह,अधिषासी अभियन्ता
4-ई०डी०डी०शर्मा,सहायक अभियंता
5-ई०अजय गुप्ता,सहायक अभियंता
6-ई०प्रेम प्रकाश,सहायक अभियंता
7-ई०राम सुधार, सहायक अभियंता
8-ई०संजय यादव,अवर अभियंता
9-ई०भानु प्रताप,अवर अभियंता
10-ई०चंद्र भूषण, अवर अभियंता
11-ई०कामता नाथ राय,अवर अभियंता
टेक्निकल ग्रेड-2
1-श्री भास्कर पांडेय,राजस्व संग्रहकर्ता
1-श्री हफीजुर्रहमान अंसारी,राजस्व संग्रहकर्ता
3-श्री जय प्रकाश,राजस्व संग्रहकर्ता
4-श्री कृष्ण कुमार मिश्रा,राजस्व संग्रहकर्ता
5-श्री लाल चंद,राजस्व संग्रहकर्ता
6-श्री सूरज प्रजापति,राजस्व संग्रहकर्ता
7-श्री वीरेन्द्र कुमार,राजस्व संग्रहकर्ता
8-श्री रमा कांत मौर्य,राजस्व संग्रहकर्ता
9-श्री आशुतोष कुमार,राजस्व संग्रहकर्ता
10-श्री हरि प्रसाद,राजस्व संग्रहकर्ता
11-श्री सुनील प्रजापति,राजस्व संग्रहकर्ता
कार्यालय सहायक
1-श्री योगेश पांडेय,बिलिंग क्लर्क( दो कार्यकाल में दोषी उप खण्डीय लिपिक एव खण्डीय )
2-श्री विशाल कनौजिया,खण्डीय लिपिक
3-श्री संजीव प्रजापति,खण्डीय लिपिक
सभी ई० अधिकारी औऱ श्री० कर्मचारियों का विभाग के प्रति अपने दायित्यो का पालन एव कार्य कर्तव्यों का पालन न करने औऱ नियमो के विरुद्ध कार्यशैली के लिए सभी पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड कार्मिक(अनुशासन एवं अपील) विनिमावली-2020 के प्राविधान के तहत होगी अनुशासनिक कार्यवाही।
बिल संसोधन से राजस्व हानि के प्रति कारपोरेशन गंभीर - पावर कारपोरेशन के आदेश पर श्री प्रशांत कुमार श्रीवास्तव,लेखाधिकारी, प्रयागराज के पर्यवेक्षण में निदेशक, वित्त,पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा विद्युत वितरण खंड-हंडिया,प्रयागराज में राजस्व अभिलेखों की वर्ष-2019 से 2021 तक अवधि की विशेष ऑडिट के लिये 5 सदस्यीय जांच दल का गठन किया है,जो एक माह में पूरी जांच करेगी।
विभाग में भ्रष्टाचार के इस तरीके से नही हो पाती है लक्ष्य के सापेक्ष वसूली
बिजली विभाग के लगातार घाटे में जाने का एक प्रमुख कारण यह भी हो सकता है,शासन/प्रशासन के द्वारा हमेशा समय समय पर राजस्व वसूली के लिये तमाम तरह की योजनाओं के लाने के बाद भी निर्धारित राजस्व लक्ष्य न ला पाना कहीं न कहीं ये दर्शाता है की पूरे विभाग में बिल संसोधन के नाम पर विभाग को चुना लगाया जा रहा है। लाखो की धनराशि जो विभाग के खाते में आनी थी उसको बिल संशोधन के नाम पर घटा कर विभाग के राजस्व का नुकसान किया गया।