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विद्युत विभाग:लेखाकार निकला हेराफेरी का मास्टरमाइंड:6 करोड़ से ज़्यादा का किया गबन:पूर्वान्चल निगम बना भ्रष्टाचारियो का ईदगाह

वाराणासी 6मार्च:पूर्वान्चल विद्युत वितरण में सबसे बड़ा कुम्भ-2019 में अरबो के घोटाले को UPPCL औऱ पूर्वान्चल निगम के द्वारा काल के गर्त में दफन करने औऱ घोटालेबाजो को उपकृत किये जाने के बाद पूर्वान्चल निगम में भ्रष्टाचार एव घोटालों की बाढ़ आ गई।
कुम्भ-2019 के अरबो के घोटालेबाजो को प्रमोशन,निदेशक पद पर चयनित औऱ मलाईदार कुर्सी पर पोस्टिंग कर उपकृत करने के बाद वर्ष 2019 के बाद से वितरण खंडों से लेकर अब निगम मुख्यालय में करोड़ो के एक के बाद एक घोटाले की गूंज सुनाई दे रही है।
पिछले कुछ वर्षों में लाइन शिफ्टिंग घोटालों के बाद प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लाखों के IPDS घोटाला,बिलिंग घोटाला औऱ स्मार्ट सिटी के कार्यो में करोड़ो के घोटाले के बाद पूर्वान्चल निगम के मुखिया की नाक के नीचे करोड़ों की हेराफेरी कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया।

निगम मुख्यालय का लेखाकार ही निकला हेराफेरी का मास्टरमाइंड

भ्रष्टाचारियो ने भ्रष्टाचार के काले कारोबार में निगम मुख्यालय के खातों को निशाना बना दिया। मामला उजागर होते ही हरकत में आये प्रबंध निदेशक की जाँच के बाद अपने लेखाकार के विरुद्घ FIR दर्ज कराई गई।

6 करोड़ से ज्यादा का किया गबन

लेखाकार केशवेंद्र द्विवेदी के टालमटोल करने के बाद उनके द्वारा स्वीकर किया गया कि भुगतान की एडवाइस को स्वाम कूट रचित कर फेर्मो के भुगतान को अपने बचत खातों में भुगतान किया।
दीपक कुमार भारती, वरिष्ट लेखाकार औऱ अमित रोहिला, उप महाप्रबंधक(लेखा) की जाँच में लेखाकार केशवेंद्र द्विवेदी के द्वारा सूनियोजित तरीके से 4,02,40,198.00 रुपये का गबन किया गया, लेखाकार के अन्य बैंक खातों की जांच के आधार पर कुल 6 करोड़ से अधिक का गबन किया गया।

लेखाकार के विरुद्ध धारा-420,468,467,472,409 में मुकदमा पंजीकृत

अजित कुमार जायसवाल, लेखाधिकारी, पूर्वान्चल के द्वारा तहरीर दे कर निलंबित लेखाकार केशवेंद्र द्विवेदी के विरुद्ध थाना- चितईपुर,वाराणासी में प्रथम सूचना रिपोर्ट दी गई।

वही दूसरी तरफ़ बंद किये गए वित्तीय इकाई केरिकॉर्ड रूम को आज दोपहर के बाद खोला गया

सूत्र बताते है कि निलंबित लेखाकार के द्वारा गबन की गई 6 करोड़ की राशि को वापस करने के वादे के बाद पूर्वान्चल प्रबंध ने दोषी के विरुद्ध नरम रवैया अपना रखा है मुख्यालय के अनेको अधिकारी प्रबंध निदेशक से दोषी लेखाकार की पैरवी करते देखे गये सूत्रों का यह भी कहना है कि दोषी लेखाकार के द्वारा गबन की राशि अपने खाते से अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर की,जो क्षेत्रीय लेखा कार्यालय, वाराणासी में तैनात है। देखना दिलचस्प होगा कि भ्रष्टाचारियो का ईदगाह बन चुका पूर्वान्चल मुख्यालय किस करवट बैठता है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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