विद्युत विभाग :पूर्वांचल विद्युत वितरण भुगतान में करोड़ो की वित्तीय गड़बड़ी,जाना था जापान पंहुचा दिया चीन:मचा हड़कम
वाराणसी4अप्रैल :शंभू राज में सब कुछ संभव पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के वित्तीय अनुभाग में जो आज हुआ वह कभी नही देखने और सुनने को मिला।
दीनदयाल योजना के अतर्गत काम करने वाली हैदराबाद की कार्यदायी कम्पनी NCC को वित्तीय अनुभाग से करोड़ो के भुगतान होने की फाइल लेखाकार केशवेन्द्र द्वारा कमेटी को भेजी गयी कमेटी द्वारा अनुमोदन होने के उपरांत करोड़ो का भुगतान कार्यदायी कम्पनी के खाते में न पहुंचकर फाइल तैयार करने वाले लेखाकार के खते में पहुंच गयी जिसकी सूचना स्वयं लेखाकार विभाग को दी इतनी बड़ी गड़बड़ी सूचना मिलते ही डिस्काम प्रबंधन में हड़कम मच गया।
इस संबंध में उपभोक्ता की आवाज समाचार को निदेशक वित्त संतोष कुमार जड़िया ने बताया की यह बड़ी अनियमिता है वैसे विभाग को कोई वित्तीय छति नही पहुंची है पर मामला काफ़ी गंभीर है जिसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा इस गड़बड़ी की हर बारीक़ बिन्दुओ पर जांच होगी दोषियों को बख्शा नही जाएगा।
वित्तीय अनुभाग में गुटबाजी और कुर्सी के बर्चस्व की लड़ाई में कही साजिश तो नही
सूत्र बताते है कि वित्तीय अनुभाग में अधिकारियो दो गुटों बटकर भ्रष्टाचार को अंजाम देते है वित्तीय अनुभाग में तैनात DGM का कोई नियंत्रण नही है खुलेआम इनकी नाक के निचे भ्र्ष्टाचार को अंजाम दिया जाता है जिसके चलते आज इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया घटना को संगठित रूप से अंजाम दिया गया।
सेंधमारी कर एकाउंट नंबर बदला गया:वित्तीय इकाई में गुटबाजी
सूत्रों की माने तो इन दिनो लगातार लेखाकार केशवेन्द्र को तमाम कम्पनियो के वित्तीय भुगतान की जिम्मेदारी मिलना वित्तीय अनुभाग के मठाधीशों को रास नही आरही थी जिसका शिकार लेखाकार केशवेन्द्र को बनना पड़ा अभी तक की जांच में लेखाकार पर कही दोष सिद्ध होता नजर नही आ रहा है भुगतान के आख़िरी चरण में सेंधमारी कर शातिर द्वारा भुगतान के अंतिम चरण में एकाउंट नंबर बदलना वित्तीय इकाई की गोपनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाते है।अब प्रबंधन की जांच की बारीकीयों में कई चेहरे रडार पर है अब देखना दिलचस्प होगा कि इस घटना को अंजाम देने वाले पकड़ में आते है या सम्पूर्ण जांच भ्र्ष्टाचार की भेट चढ़ती है।
वैसे पूर्वान्चल प्रबंधन लेखाकार के खाते में गये करोड़ो के भुगतान को वापसी में लगा है।
भ्र्ष्टाचार और भ्र्ष्टाचारियो के विरुद्ध पड़ताल अभी बाकी है