पूर्वांचल

विद्युत विभाग: पूर्वान्चल की कहानी उपभोक्ता की जुबानी: मुख्यमंत्री ऊर्जामंत्री की आदेशो/निर्देशो की होती अवहेलना

वाराणासी 2 अक्टूबर””””” उपभोक्ता को आज तक 3.50 लाख वापस न किये जाने का मामला”””””””कागज में निष्ठा एग्रो फूड्स की एचटी लाइन का निर्माण कार्य पूरा करा दिया गया,धरताल पर लाइन बनी नही।
पूर्वान्चल में उपभोक्ता द्वारा राजा के दरबार मे मत्था टेकने के बाद भी नही हुआ समाधान
न भ्रष्टाचार पर कार्यवाही न उपभोक्ता का पैसा हुआ वापिस उपभोक्ता ने बताया है कि इसके लिये प्रबंध निदेशक से कई बार वार्ता हो चुकी है हर बार सिर्फ आश्वासन मिला।
उल्लेखनीय है कि पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम में लाइन निर्माण/लाइन सिफ्टिंग में हो रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के बीच विद्युत वितरण खंड-प्रथम (चंदौली) के अभियंताओं का बड़ा कारनामा सामने आया। उन्होंने कागज पर एचटी लाइन का निर्माण दिखाकर लाखों रुपये हजम कर लिए। हकीकत में लाइन बनाई ही नहीं गई। यहीं नहीं स्टोर से मिले पोल, ट्रांसफार्मर और केबिल का उपयोग दूसरे उपभोक्ता की लाइन निर्माण में कर लिया। इस संबंध में पांच जून को हुई शिकायत के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक शंभु कुमार ने मुख्य अभियंता को जांच का आदेश दिया,तत्कालीन मुख्य अभियंता जांच में पाया दो साल पहले निष्ठा एग्रो फूड्स की ओर से 175 किलोभार का कनेक्शन के लिए निवेश मित्र पोर्टल पर आवेदन किया गया था। कनेक्शन के लिए 5.90 लाख रुपये का ऑनलाइन पेमेंट भी हो गया। इसमें 3.50 लाख रुपये सिक्योरिटी मनी के थे। कनेक्शन चार्ज मिलने के बाद जिवनाथपुर उपकेंद्र के अभियंताओं ने साइड पर पोल, ट्रांसफार्मर और केबिल गिरा दिया। इस बीच आवेदनकर्ता ने कनेक्शन निरस्त करा दिया। इसका फायदा उठाते हुए अभियंताओं ने बिना रिसीविंग दिए एग्रो फूड्स के परिसर से उपकरण उठवा लिए।

जानकारी होने के बाद भी नही की कोई कार्यवाही

तत्कालीन अधिशासी अभियंता ए०के० सिंह के 26 दिसंबर वर्ष-2021 के एक पत्र से आवेदनकर्ता को इसकी जानकारी हुई वह अवाक रह गए। पत्र में स्पष्ट लिखा था कि निष्ठा एग्रो फूड्स की एचटी लाइन का निर्माण कार्य पूरा करा दिया गया।

उपभोक्ता का प्रार्थना पत्र दफ्तर में दबा दिया पत्र

आवेदक जितेंद्र कुमार मलिक सिक्योरिटी मनी के 3.50 लाख रुपये वापस लेने के लिए दो साल से डिवीजन का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन अबतक रुपये वापस नहीं हुए हैं। रुपये वापस करने के लिए 06 जून 2022 को निदेशक तकनीकी को पत्र जारी किया गया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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