एक झलक

विद्युत विभाग: मुख्यमंत्री की OTS योजना के ऐलान के बाद सोता ऊर्जा प्रबंधन:ऊर्जामंत्री के आदेशों की अवहेलना:विभाग के हालातों को आईना दिखाते केन्द्रीय मंत्रालय

वाराणासी 19 जुलाई: प्रदेश के मा० मुख्यमंत्री की बिजली उपभोक्ताओं के लिए लागू करे एक मुश्त समाधान योजना की घोषणा औऱ निर्देश देने बाद आज तक शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन ने योजना लागू करने में हीलाहवाली देखी जा रही है मा० मुख्यमंत्री की घोषणा के 18 दिनों बाद तक योजना लागू करने के संबंध में बिजली विभाग ने इसके संबंध में दिशा-निर्देश जारी नही कर पाया। शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन की बिजली विभाग को चलाने औऱ नीतियों में मनमानी से डामडोल विभाग को भारत सरकार के बिल्ली मंत्रालय ने आईना दिखाया है।

खाता न वही चेयरमैन जो करे वही सही:दबाव की संस्कृति ने विभाग का किया बंटाधार

वही मा०ऊर्जामंत्री के आदेश/निर्देश की भी धज्जियां उड़ रही है जिसमे ऊर्जामंत्री जी ने शक्ति भवन में बैठक के दौरान 8000 हजार से कम के बिजली बिल के बकाये पर कनेक्शन काटने औऱ FIR दर्ज कर आम उपभोक्ताओ के उत्पीड़न न करने के आदेश/निर्देश दिये थे औऱ 8000 हज़ार से ऊपर के औऱ बड़े बकायेदारों से बिजली बिल वसूली के निर्देश दिये थे। ऊर्जामंत्री के आदेश/निर्देश के बावजूद हकीकत यह हैं कि 500-1000 रुपये के बिल के बकायेदारों के बिजली कनेक्शन काटे जा रहे है औऱ उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।अमीर औऱ बड़े बकायेदारों पर कोई कार्यवाही नही हो होने पर ऊर्जामंत्री ने उनकी सूची बनाने औऱ वसूली के लिऐ कार्यवाही के भी निर्देश दिये थे। विभाग के सकल घाटा 1 लाख करोड़ में लगभग 50 करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का बकाया है। बिजलिकर्मियो/अधिकारियों द्वारा सिर्फ 55 फ़ीसदी ही वसूली होने पर ऊर्जामंत्री ने निर्देश दिये थी कि किसी उपभोक्ता के साथ गलत व्यवहार न हो।

कागजो में सब कुछ चंगा को केंद्रीय मंत्रालय ने किया नंगा

मुख्यमंत्री औऱ ऊर्जामंत्री के आदेशों/निर्देश के विपरीत चलते बिजली विभाग को आईना दिखाने का काम भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के द्वारा उपभोक्ता सेवाओ की रेटिंग ने किया। विद्युत मंत्रालय भारत सरकार ने देशभर की बिजली कंपनियों के प्रदर्शन के आधार पर पहली बार उपभोक्ता सेवा रेटिंग जारी की जिसमे प्रदेश की बिजली कंपनियों का हाल बत्तर दिखा। रेटिंग जारी होने से पावर कारपोरेशन के साथ निगमो की छवि धूमिल होते देख चैयरमैन एम०देवराज ने उपभोक्ता सेवा में सुधार हेतु निर्देश जारी कर दिये।

पावर कॉरपोरेशन बिजली सप्लाई में भी फिसड्डी

वही पावर कारपोरेशन की शहरी औऱ ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई भी राष्ट्रीय औसत से कम रही। ग्रामीण क्षेत्रो के फीडर पर औसतन बिजली कटौती-फाल्ट आदि शहरी क्षेत्रों की तुलना में दोगुनी रही। बिजली सप्लाई औऱ उपभोक्ता सेवा के बेहतरी के लिए MD पंकज कुमार ने 8 बिंदुओं पर काम करने के निर्देश जारी किये हैं।

सुधार के लिये शीर्ष उर्जा प्रबंधन पर हो तकनीकी विशेषज्ञ अभियंताओ की नियुक्ति: शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन ने तीन वर्षों से नही दीगई जरूरी बिजली सामग्री

उतर प्रदेश अभियन्ता संध के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिऐ कर्मचारियों औऱ अभियंताओ को जरूरी औऱ पर्याप्त विद्युत सामाग्री की व्यवस्था नही की गईं।लगभग 3.50 करोड़ उपभोक्ताओ के सापेक्ष/मुकाबले में कर्मियों की भर्ती नही की गई। विद्युत विभाग तकनीकी विभाग है प्रबंधन स्तर पर जब तक तकनीकी विशेषज्ञ अभियंताओ की नियुक्तियां नही होंगी तब तक उपभोक्ता सेवा में गुणवत्ता लाना सम्भव नही है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *