विद्युत विभाग:UPPCL से लगायत PuVvnl तक भ्रष्टाचार का साम्राज्य: भ्रष्टाचारी अवर अभियंता पर मेहरबानियां:करोड़ो का घोटाला,होता प्रमोशन:खाता न वही विभाग जो करे वो सही
वाराणासी 24 सितम्बर: “”””””“पूर्वान्चल में भ्रष्टाचार का साम्राज्य”””””””””उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार की जीरो टॉलरेंस नीति का ऊर्जा विभाग में दम निकाल दिये जाने के अनेकों उदाहरण सामने आते रहे है जिनमे प्रमुख रूप से कुम्भ-2019 के अरबो रुपये के घोटालेबाजो पर कार्यवाही न कर प्रमोशन दे कर लाभान्वित किया गया। एक आरोपी राजेन्द्र प्रसाद को UPPCL की चयन समिति ने पूर्वान्चल के निदेशक, वाणिज्य के पद पर चयन किया तो दूसरे आरोपी आशुतोष को मुख्य अभियंता, आजमगढ़ पद पर प्रमोशन दे कर लाभान्वित किया। कुम्भ-2019 के अरबो रुपये के घोटाले की जाँच में कुल 23 अभियंताओ को आरोपी बनाया गया है।
ताजा मामला पूर्वान्चल के गोरखपुर क्षेत्र में सुर्खियां बटोर रहा है। मामला एक अवर अभियंता के भ्रष्टाचार करते रहने,जाँच को दबवाते रहने,विभाग में माफियागिरी करते रहने औऱ विभागीय प्रमोशन पाते रहने एवं बगैर वेतन के वर्षों से कार्य करने से जुड़ा है।
पंडित राज किशोर मिश्र द्वारा मुख्यमंत्री से अवर अभियंता की विभाग में दबंगई,भ्रष्टाचार औऱ विभागीय अधिकारियो द्वारा अवर अभियंता को प्रश्रय देने की शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
1 करोड़ 62 लाख से अधिक के घोटाले का आरोप:FIR 5 वर्ष बाद दर्ज
विपिन कुमार सिंह,अवर अभियंता जो UPPCL की कृपादृष्टि से करोड़ो के घोटाले के आरोपी होने के बावजूद प्रमोशन पा कर सहायक अभियंता पर प्रमोशन ले चुके है। इनके ऊपर अवर अभियंता रहते 1 करोड़ 62 लाख 25 हजारे 173 रुपये की सामग्री के गायब करने का आरोप है वर्ष 2017 से इन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है जांच अधिकारी मुख्य अभियंता,बस्ती से ले कर अधीक्षण अभियंता, गोरखपुर/आजमगढ़ तक जांच पूरी नही कर पाये। अंत मे वर्षो बाद FIR दर्ज कराई गई।
अवर अभियंता पर वितरण गोरखपुर के अधिषासी अभियन्ता ने वर्ष-2018 में धारा-307 के तहत मुकदमा दर्ज कार्य था, बाद में सुलहनामा कर मुकदमा खत्म करवाया गया।
पुलिस प्रशासन पर कार्यवाही करने को लिखा पत्र
मामला/शिकायत जब मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के दरबार मे गया तो वर्षो बाद घोटाले की FIR थाना-कोतवाली, खलीलाबाद में दर्ज करा दी गई औऱ मामले में पूर्वान्चल प्रबंधन, आजमगढ़, गोरखपुर के अधिकारियों औऱ पुलिस विभाग में पत्राचार में सिमट गया।अधिषासी अभियन्ता, विद्युत माध्यमिक कार्य खंड,मोहद्दीपुर, गोरखपुर ने पुलिस प्रशासन गोरखपुर को पत्र लिख कर मामले को अग्रसारित कर दिया औऱ लिखा है।
मुख्य सचिव के पत्राचार करने पर प्रकरण में FIR दर्ज करवा कर विभागीय अधिकारी अपनी टोपी पुलिस विभाग पर डाली।
UPPCL से लेकर PuVvnl तक विभागीय कार्यवाही नही की गई अपितु करोड़ो के घोटालेबाज अवर अभियंता को सहायक अभियंता जरूर बना दिया गया।
बिना वेतन के कार्य लिया जा रहा है और विपिन कुमार सिंह बिना वेतन के कार्य कर रहे है:लूट की खुली छूट
मज़े की बात तो यह है कि जनाब विपिन कुमार,अवर अभियंता जो अब विभाग में सहायक अभियंता बन चुके है,ने पिछले 6-7 वर्षों से बिना वेतन के अपनी सेवाएं दे रहे है। विभाग ने उनका वेतन करोड़ो के घोटाले करने पर रोक रखा है।
आख़िर बिना वेतन के वर्षो से अब तक रहने पर जीविकोपार्जन कैसे हो रहा है?
भ्रष्टाचार के विरुद्ध शेष है अभी युद्ध………