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वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी,गंदे पानी से होगा बिजली उत्पादन

यूपी12फरवरी :एमएनएनआईटी के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। वैज्ञानिकों ने लैब में गंदे पानी से बिजली तैयार की है। खास बात यह है कि इनके इस काम को भारत सरकार से दस साल के लिए पेटेंट भी मिल गया है। इस शोध का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। खास तौर से कल-कारखानों से निकलने वाले उस प्रदूषित पानी के लिए यह वरदान साबित होगा, जिसकी वजह से नदियों तथा पर्यावरण पर प्रतिकूल असर तो पड़ ही रहा है, कई तरह की बीमारियां भी हो रही हैं।

इस तकनीकी से कल-कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित जल का इस्तेमाल बिजली तैयार करने में किया जा सकेगा। बायोटेक्नोलॉजी विभाग की डॉ. राधारानी को इसके लिए साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) से अहम प्रोजेक्ट मिला था, जिस पर उन्होंने अपनी टीम के साथ काम कर यह कामयाबी हासिल की है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत विभाग की लैब में ‘माइक्रोबियल फ्यूल सेल’ तैयार किया गया।

जिससे उत्पन्न होने वाली बिजली से प्रयोग के तौर पर मोबाइल चार्ज किया गया। प्रयोग सफल रहा, जिसके बाद पूरी रिपोर्ट एसईआरबी को भेजते हुए पेटेंट के लिए आवेदन किया गया था। उन्होंने बताया कि बिजली तैयार करने के साथ ही इस प्रक्रिया से प्रदूषित जल का शोधन कर कपड़े धोने और सिंचाई आदि कार्य में प्रयोग भी किया जा सकेगा। बकौल डॉ. राधारानी विभाग के लैब में पंद्रह से बीस लीटर दूषित पानी से बिजली पैदा की गई।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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