एक झलक

शीतकाल में देव दर्शन से दस गुणा अधिक पुण्य मिलेगा, ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’

मुखवा गांव, उत्तरकाशी29 दिसंबर : आध्यात्मिक आनन्द की भूमि में जब हम कष्ट सहकर तीर्थ यात्रा करते हैं तो वो भौतिक रूप से शायद कठिन हो लेकिन उस कठिनाई से की गई यात्रा का परिणाम बहुत ही अधिक होकर हमें प्राप्त होता है । उसी अद्भुत आनन्द से ओतप्रोत है ये शीतकालीन यात्रा जहां पर प्रकृति और परमेश्वर प्रत्यक्ष दर्शन दे रहे हैं इस शीतकाल में ।

सप्त दिवसीय *शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा* कर रहे परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज यात्रा के तीसरे दिन दूसरा पडाव गंगा जी की शीतकालीन पूजा स्थली शीत गंगोत्री (मुखीमठ) मुखवा गांव में 11 बजे पहुंची जहां पर स्थानीय पुरोहितों, आचार्यों द्वारा भव्य स्वागत किया गया । पहुंचते ही गर्भगृह में *गंगा मैया* की महापूजा शंकराचार्य जी महाराज ने सम्पन्न की । विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के माध्यम से भगवती की उपासना की के बाद मंचासीन शंकराचार्य जी महाराज का आशीर्वचन सभी भक्तों को प्राप्त हुआ । क्षेत्र के विधायक सुरेश सिंह चौहान ने शंकराचार्य जी के चरण पादुकापूजन किए , गंगोत्री मन्दिर के सचिव श्री सुरेश सेमवाल जी ने अभिनन्दन पत्र समर्पित किए ।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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