श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी प्रकरण में 3 दिनों तक बहस के बाद कल आ सकता है कोर्ट का फैसला
वाराणसी11मई: ज्ञानवापी मामले पर बुधवार को वादी और प्रतिवादी पक्ष में जोरदार बहस हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस पर कल यानी कि गुरुवार दोपहर 12 बजे फैसला सुनाया जाएगा।
ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई पूरी हो गई है। बुधवार को सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कल यानी कि गुरुवार दोपहर 12 बजे फैसला सुनाया जाएगा। सर्वे की नई तारीख और कोर्ट कमिश्नर बदलने की मांग पर भी कल फैसला आएगा। ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी व अन्य विग्रहों के सर्वे कराने और अधिवक्ता आयुक्त को हटाने के मामले में न्यायालय में दोनों पक्ष के वकीलों ने दलीलें पेश कीं।
सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल प्रति आपत्ति में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया कि सर्वे के जरिए साक्ष्य सबूत एकत्र नहीं किए जा सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी ओर से पांच अधिवक्ता हैं, जबकि सर्वे में दो ही अधिवक्ताओं को प्रवेश की अनुमति दी गई। जबकि वादी पक्ष के 12 वकील अंदर मौजूद थे।
शृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद अलग-अलग
कहा कि शृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद अलग-अलग हैं। ऐसे में मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी का कोई औचित्य नहीं है। वादी पक्ष ने इस आवेदन पर विपक्षी गणों पर न्यायालय के कार्य में बाधा डालने और जिला प्रशासन पर कोर्ट के आदेश के अनुपालन में रुचि नहीं लेने का आरोप लगाया।
वादी पक्ष के कथन और तर्क बेबुनियाद- मसाजिद कमेटी
इससे पहले मंगलवार दोपहर बाद शुरू हुई न्यायालय की कार्यवाही में वादी पक्ष की आपत्ति पर प्रति आपत्ति में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा कि वादी पक्ष के समस्त कथन और तर्क बेबुनियाद, अर्थहीन और विधि के खिलाफ हैं। आराजी नंबर 9130 का कमीशन कार्यवाही में जिक्र है, लेकिन क्षेत्रफल, मौजा, चौहद्दी का जिक्र नहीं है।
आराजी के साथ पांच कोस जमीन और आदि विश्वेश्वर मूर्ति का वर्णन
कहा कि वाद पत्र में आराजी के साथ पांच कोस जमीन और आदि विश्वेश्वर मूर्ति का वर्णन हैं, ऐसे में कमीशन की कार्यवाही कहां तक होगी, यह नहीं बताया गया है। इस आराजी के सीमांकन के बाद कमीशन की कार्यवाही की बात को नजरअंदाज किया गया। मौके पर उपलब्ध वस्तुओं को उंगली से खुरचने का भी खंडन न