एक झलक

हर दिन एक्सरसाइज करना नहीं है जरूरी,वरिष्ठ पोषण विशेषज्ञ लक्ष्मी सिंह की डाइटिशियन से जानें वर्कऑउट का सही तरीका

वाराणसी 26दिसम्बर :वरिष्ठ पोषण विशेषज्ञ आईएमएस बीएचयू की लक्ष्मी सिंह ने अच्छी सेहत के लिए बताया कि आजकल वर्कआउट के दौरान होने वाले एक्सीडेंट्स काफी बढ़ गए हैं। स्थिति ऐसी है कि बहुत कम उम्र के लोग हार्ट अटैक या हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के शिकार हो रहे हैं।

हम अपने वर्कआफउट की शुरुआत कैसे करें कि तमाम दुर्घटनाओं से बचे रहें

1. खाली पेट वर्कआउट ना करें

खाली पेट वर्कआउट करना आपको बीमार कर सकता है। साथ ही इससे आपको चक्कर आ सकता है और आप सेहत से जुड़ी कई समस्याओं के शिकार हो सकते हैं।

2. ऐसे में एक्सरसाइज से पहले क्या खाना चाहिए इस बारे में जानना चाहिए

लक्ष्मी सिंह बताती हैं कि अक्सर लोग जिम जाते ही सीधे अपनी एक्सरसाइज पर ध्यान देते हैं और वर्कआउट नहीं करते। ऐसे में अचानक से आपके दिल और शरीर पर प्रेशर क्रिएट होता है जो कि दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। ऐसी स्थिति में 10 से 12 मिनट तक लगातार पहले वॉर्म अप करें और भी एक्सरसाइज की शुरुआत करें।

3. अगले कुछ दिनों तक एक ही एक्सरसाइज करें

ये बात बहुत लोगों को मालूम नहीं होती है। खास कर जो नया-नया एक्सरसाइज या वर्कऑउट शुरू करते हैं वे रोज जोश में कुछ नया करना चाहते हैं। ऐसे में ही शरीर हमारे खिलाफ रिएक्ट करती है और हमें कई सारी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए पहले कुछ दिनों तक एक ही एक्सरसाइज करें ताकि शरीर को कोई समस्या ना हो और आपके मसल्स धीमे-धीमे तैयार होते रहें।

4. एक दिन एक्सरसाइज से छुट्टी लें

कुछ लोग हर दिन एक्सरसाइज करते हैं और उन्हें लगता है कि ये सही है। जबकि हमारे शरीर को हमेशा रिलेक्स होने की जरूरत होती है ताकि वो खुद को आराम दे सके। इससे शरीर को एक्सरसाइज का फायदा भी मिलता है। इसलिए रोजाना एक्सरसाइज ना करें और एक दिन ब्रेक जरूर लें।

5. आजकल लिवर से संबंधित बीमारी से पीड़ित बहुत से लोग हैं

आईएमएस बीएचयू के प्रसिद्ध आहार विशेषज्ञ लक्ष्मी सिंह ने सुझाव दिया है कि हेपेटाइटिस बी हेपेटाइटिस वायरस के एक समूह का हिस्सा है. जो लिवर पर हमला करता है। यह रक्त और शारीरिक द्रव्यों के माध्यम से फैलता है। यह आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंध (कंडोम या डेंटल डैम के बिना सेक्स), जन्म के दौरान मां से उसके बच्चे तक, या दूषित सुइयों के माध्यम से पारित किया जाता है। वयस्कों में, यह अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं पैदा करता है और उपचार के बिना कुछ महीनों में गुजर सकता है। बच्चों में लंबे समय तक चलने वाला (पुराना) संक्रमण विकसित होने की संभावना अधिक होती है। उचित उपचार और देखभाल के बिना, पुराने संक्रमण वाले बच्चे और वयस्क गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं और उनके जिगर की क्षति या मृत्यु का खतरा हो सकता है। हेपेटाइटिस बी वाले बहुत से लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। यदि आपको लक्षण मिलते हैं तो हो सकता है कि संक्रमण के दो या तीन महीने बाद तक आप उन्हें नोटिस न करें। आपमें लक्षण न होने पर भी आप दूसरों को वायरस दे सकते हैं।

6. संक्रमण दो प्रकार के होते हैं – तीव्र और जीर्ण

लक्ष्मी सिंह बताती हैं कि तीव्र (या अल्पकालिक) लक्षणों में शामिल हो सकते हैं। थकान, बुखार और दर्द और दर्द सहित फ्लू जैसे लक्षण महसूस करना और/या बीमार होना वजन / भूख में कमी डायरिया पेट (पेट) दर्द त्वचा का पीला पड़ना ए
वे लोग जो हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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