UPPCL में अवैध रूप से नियुक्त बड़केबाबुओ के विरुद्ध 21से संख नाद की तैयारी, हजारों बिजली कर्मी 16 मार्च की रात से 72 घण्टे तक करेंगे हड़ताल
लखनऊ 20फ़रवरी :ऊर्जा निगमो के शीर्ष प्रबंधन के तानाशाही रुख के विरोध में उ प्र विद्युत कर्मचारी संयुक्त सघर्ष समिति द्वारा 03 दिसम्बर 2022 का समझौता लागू न होने, ओबरा-आनपारा में 800-800 मेगावॉट क्षमता की दो-दो इकाइयों को उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम से छीन कर एनटीपीसी लि को देने एवं 220 केवी और उच्च विभव के पारेषण उपकेंद्रों व लाइनों को निजी घरानों को देने के फैसले के विरोध में 17 मार्च,2023 की प्रथम पाली अर्थात 16 मार्च,2023 की रात्रि 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल की नोटिस प्रबंधन व सरकार को प्रेषित कर दी गई है। 72 घण्टे की हड़ताल 16 मार्च की रात 10 बजे से प्रारंभ होकर 19 मार्च,2023 की रात 10 बजे तक चलेगी। हड़ताल में समस्त ऊर्जा निगमों के सभी बिजली कर्मी शत प्रतिशत भागेदारी सुनिश्चित करेंगे। उत्पादन, पारेषण, एसएलडीसी और वितरण की पाली में कार्यरत सभी कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता और निविदा/संविदा कर्मी भी हड़ताल में पूरी तरह सम्मिलित रहेंगे।
16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की हड़ताल के पहले 14 मार्च को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपद/परियोजना मुख्यालयों पर सायं 05 बजे शांतिपूर्वक मशाल जुलूस निकाले जायेंगे। 20 फरवरी से प्रारम्भ हो रहे जनजागरण अभियान के अंतर्गत समस्त डिस्कॉम मुख्यालयों व परियोजनाओं पर शांतिपूर्वक रैली के कार्यक्रम किये जायेंगे और उप्र में पॉवर सेक्टर बचाने हेतु सांसदों/विधायकों को ज्ञापन दिये जायेंगे। जनजागरण अभियान के कार्यक्रम संलग्न हैं। जनप्रतिनिधियों को दिये जाने वाले ज्ञापन का प्रारूप भी भेजा जा रहा है।
16 मार्च की रात्रि 10 बजे से प्रारंभ होने वाली 72 घण्टे की संकेतिक हड़ताल हमारी एकता की परीक्षा की घड़ी है। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के अलोकतांत्रिक तानाशाहीपूर्ण दमनकारी रवैय्ये के विरोध में निर्भय होकर फौलादी एकता दिखाने का निर्णय लिया है । सार्वजनिक क्षेत्र में पॉवर सेक्टर बचाने के लिये निर्णायक संघर्ष की बेला है यह। अभी नहीं तो कभी नहीं।