एक झलक

नवरात्रि पंचम दिन दर्शन- माँ स्कंदमाता

वाराणसी6अप्रैल:नवरात्र के पांचवे दिन आदि- शक्ति माँ दुर्गा के पांचवे रूप स्कंदमाताकी पूजा अर्चना की जाती हैं। इनका एक नाम बागेस्वरी माता भी है। स्कंदमाताका कोमल मन ममता से भरा होता हैं इसलिए जो भी साधक सच्चे एवं साफ़ मन से इस देवी की उपासना करता हैं, ममतामयी देवी माँ उसके सभी कष्टों को हर लेती हैं। कहा जाता हैं कि जो भक्त संतान सुख की प्राप्ति चाहता हैं उसे स्कंदमाताकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। उनके लिए यह पूजा काफी फलदायी साबित होती हैं। इसके लिए नवरात्र की पांचवी तिथि को एक लालवस्त्र में सुहाग का समान, लाल फूल, फल और चावल बांधकर माँ की गोद में रखना चाहिए।स्कंदमाताकी इस तरह से पूजा करने से साधक की सूनी गोद भर जाती हैं। इस पूजा से गले एवं वाणी में भी माँ का प्रभाव देखने को मिलता हैं। जिस व्यक्ति के गले में किसी प्रकार की समस्या हो वो माँ की पूजा में रखें जल में पांच लौंग मिलाकर स्कंदमाताका आह्वान कर इस जल को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें। इससे गले संबंधी सभी समस्याएँ दूर हो जाती हैं।

माँ बागेस्वरी स्कंदमाता का मंदिर वाराणसी के जैतपुरा मे स्थित है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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