पूर्वांचल

इंटरनेशनल टेंपल्‍स कन्‍वेशन का संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया उद्घाटन

वाराणसी 23 जुलाई :शिव की नगरी काशी में विश्व के सबसे बड़ा इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेशन और एक्सपो का उद्घाटन शनिवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया। सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में दुनिया भर के मंदिर प्रमुखों को मोहन भागवत ने संबोधित किया। कहा कि मंदिरों के संचालन के लिए नई पीढ़ी को तैयार करना होगा। मंदिर पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक देश को एक सूत्र में पिरो सकते हैं। हर सनातनी का घर मंदिर है और इन मंदिरों को जोड़कर हम भारत को फिर से विश्वगुरू बना सकते हैं। जिसको धर्म का पालन करना है वो धर्म के लिए सजग रहेगा। निष्ठा और श्रद्धा को जागृत करना है। छोटे स्थान पर छोटे से छोटे मंदिर को समृद्ध बनाना है। समय आ गया है कि अब देश और संस्कृति के लिए त्याग करें।संघ प्रमुख ने कहा मंदिर की व्याख्या की। कहा कि आम जनता का दुख दूर करने वाला, विपत्ति में आसरा देने वाला, संस्कार देने वाला, शिक्षा देने वाला, उपासना और उनको परमतत्व की प्रेरणा देने वाला मंदिर होना चाहिए। सर्व समाज की चिंता करने वाला मंदिर होना चाहिए। देश के सभी मंदिरों का एकत्रीकरण समाज को जोड़ेगा, ऊपर उठाएगा, राष्ट्र को समृद्ध बनाएगा। हमारे मंदिर केवल पूजा स्थल ही नहीं सेवा, चिकित्सा, शिक्षा का केंद्र रहे हैं। हमें अपने आसपास के छोटे-छोटे मंदिरों की सूची बनानी चाहिए। वहां रोज पूजा हो, सफाई रखी जाए। इसमें बड़े मंदिरों को मैं और मेरा का भाव छोड़कर आगे आना होगा। मंदिर हमारी परंपरा का अभिन्न अंग हैं। पूरे समाज को एक लक्ष्य लेकर चलाने के लिए मठ-मंदिर चाहिए। हमारे मंदिर, आचार्य, देवस्थान, यति साथ चलते हैं, सभी सृजन के लिए हैं। समय आ गया है कि हम नई पीढ़ी को भी मंदिरों को संभालने का संस्कार दें। कला और कलाकारों को प्रतिष्ठित करें। समाज के कारीगर को प्रोत्साहन मिलेगा तो वह अपने को मजबूत करेगा। कला सत्यम, शिवम सुंदरम का संदेश देती है। मंदिरों की कारीगरी में हमें इसके दर्शन साक्षात होते हैं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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