विद्युत विभाग:उपभोक्ता की आवाज की ख़बर का असर, टेंडर हुआ निरस्त। 2 करोड़ की बंदरबांट का असर,भ्रष्टाचारी अधिक्षण अभियन्ता मस्त: शंभू के राज में ही संभव,दिया अभयदान
वाराणसी/मिर्ज़ापुर 20 अप्रैल:पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम के मिर्ज़ापुर जोन के अंतर्गत विंध्याचल माई धाम कॉरिडोर निर्माण क्षेत्रो में अंडर ग्राउंड केबलिंग के कार्य हेतु ई० टेडरिंग में हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट को दबनाने औऱ भ्रष्ट अधीक्षण अभियंता को बचाने में डिस्कॉम प्रबंधन की चाल-बाजियो को उपभोक्ता की आवाज की ख़बर के बाद अंतोगत्वा प्रबंधन को टेंडर निरस्त कर दोबारा अल्पकालीन निविदा जारी करने का आर्डर पास किया।
पर आश्चर्यजनक बात ये है कि ई०टेडरिंग प्रिक्रिया में विभागीय नियमो की अवहेलना औऱ भ्रष्ट आचरण के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही हुई
10 करोड़ के टेंडर में 2 करोड़ की बंदरबांट के दबाव में मिर्ज़ापुर से लेकर डिस्कॉम, प्रबंधन तक इस घोटाले को दबाने में लगा हुआ था।
शंभू के राज में पनपते भ्रस्टाचारी
खबर चर्चाओ में आने के बाद टेंडर निरस्त कर भ्रष्ट अधीक्षण अभियंता को बचा लिया गया जिससे ये प्रतीत होता है की 2 करोड़ के बड़े हिस्से से डिस्कॉम, प्रबंधन को भी तौल दिया गया होगा।
वैसे शंभू के राज में इन दिनों भ्रस्टाचारियो की पौ-बारह है मुह खोलो पैसा बोलो
खैर पैसा बोलता हैं सभी को तौलता है
भ्रष्टचार और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध युद्ध अभी शेष है