विद्युत विभाग:शंभू के राज में संभव:एक औऱ 33 हजार के०वी०लाइन की कर दी अवैध सिफ्टिंग,कॉलोनाइजर को पहुँचाया फ़ायदा,विभाग को लगाया लाखो का चूना
वाराणसी 12 अप्रैल:पूर्वांचल निगम का, भ्रष्टाचार में बदनाम विद्युत वितरण मंडल के कमंडल के निकलता भ्रष्टाचार,चहेते ने कर डाली एक औऱ 33 हजार लाइन की अवैध सिफ्टिंग।
सईया भये कोतवाल तो डर कहे का
11 हजार लाइन के बाद 33 हजार लाइन पर किया हाथ साफ
ताजा मामला विद्युत वितरण खण्ड-द्वितीय, बरईपुर में 132 के०वी० उपकेंद्र कंदवा से निकली 33 हजार के०वी० लाइन जो 33/11 अमरा-खैरा चक पावर हाउस को जाती है, को बीच मे ब्रेक कर कॉलोनाइजर को फायदा पहुचाते हुए अवैध तरीक़े से विभाग के नियमो के विरुद्ध शिफ़्ट की गई है औऱ विभाग को लाखों की राजस्व क्षति पहुँचाई। बताते चले मंडल में 11 हजार औऱ 33 हजार की अवैध शिफ्टिंग के ज़्यादातर मामलों में आज तक कोई कार्यवाही नही है मामला फ़ाइलो में दफ़न है।कई मामलों की जानकारी मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण अभियंता जांच के दौरान हुई पर मामले को दबा दिये गए।
रात के अंधेरे में कर दी लाइन शिफ़्ट
स्थानीय लोगो के अनुसार कॉलोनाइजर्स द्वारा 33 हजार सजीव लाइन के नीचे खेत मे प्लॉटिंग कर दी पर प्लाट मालिको के मकान निर्माण में उक्त लाइन बाधा बनने लगी तब कॉलोनाइजर ने अवर अभियंता औऱ सहायक अभियंता के द्वारा लाइन को अपने अनुसार शिफ़्ट करवाया ।
विभागीय शूत्रो के अनुसार अवैध तरीके से लाइन शिफ़्ट करने में 5 लाख का लेनदेन हुआ स्थानीय लोगो ने उपभोक्ता की आवाज को बताया की लगभग 14-15 महीने पहले जाड़ो में रात 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच लाइन को शिफ्ट किया गया मौके पर 2 लोहे के विद्युत पोल औऱ पड़े है जिनकी भी लगाया जाना था।
मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण अभियंता ने नही की कोई कार्यवाही,डिस्कॉम प्रबंधन भी भ्रष्टाचार पर खामोश
उपभोक्ता की आवाज ने संबंधित अधीक्षण अभियंता औऱ मुख्य अभियंता को 33 हजार लाइन की अवैध शिफ्टिंग के भ्रष्टाचार से सम्बंधित 2 मामलों से अवगत कराया। क्यो की विगत वर्ष में बरईपुर खंड में 11 हजार की लाइन की अवैध सिफ्टिंग के कई मामले अखबारों की सुर्खियों में रहे,कई अधिकारियों पर कार्यवाही भी हुईं, जिसके उपरान्त प्रबंधन द्वारा विद्युत वितरण मंडल लाइनो के अनुरक्षण के लिए एक समिति बनाई जिसमे मुख्य अभियंता औऱ सम्बंधित अधीक्षण अभियंता को नामित किया। पर विभागीय हितों को दर किनार कर दोनों मामलों में तिकड़मबाजी कर चहेतों को बचाने में दिन रात एक कर दिए गए।
शिकायत पूर्वान्चल मुखिया के दरबार मे पहुँच चुकी है देखना होगा की प्रबंध निदेशक महोदय क्या कदम उठाते है भ्रस्टाचारिओ के चक्रव्यूह में फसते है या चक्रव्यूह तोड़ते है।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है