विद्युत विभाग:सरकार को गुमराह करता विभाग:CS-3 औऱ CS-4 के आंकड़े गायब: KYC औऱ फोन घुमाओ योजनाओं की हवा निकलने से पुराने ढर्रे पर विभाग
वाराणासी 11 सितम्बर: विभाग में राजस्व वसूली की सेहत सुधारने के लिए समय समय पर तमाम तरह की योजनाओं को लागू करने के बाद भी लगातार राजस्व घाटा होने पर ऊर्जामंत्री के निर्देश पर विद्युत उपभोक्ताओं की KYC योजना लागू की गई।जिसके तहत सभी उपभोक्ताओ के नाम,आवासीय पाते औऱ मोबाइल नबरों को अपडेट एव फीड करना था।
इसी क्रम में पूर्वान्चल द्वारा 1 माह तक KYC अभियान चला कर उपभोक्ताओ की KYC प्रक्रिया पूर्ण की।
योजना के तहत उपभोक्ताओ की KYC पूर्ण होने के बाद शासन/ऊर्जा प्रबंधन ने राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए विद्युत बिल के बकाएदार उपभोक्ताओ को फ़ोन घुमाओ योजना 1 सितम्बर से लागू की, जो पूरे सितम्बर माह चलनी है।
सरकार की योजनाओं को लागू करने में धरातल पर फेल पूर्वान्चल प्रबंधन
योजना के तहत समस्त अधिकारियों और बिजलीकर्मचारी के साथ संविदाकर्मियों को लगाया गया,परन्तु प्रथम सप्ताह में ही फ़ोन घुमाओ योजना की हवा निकलने लगी जिसको मुख्य कारण KYC योजना की विफलता रही ज्यादा तर लगभग 60% उपभोक्ताओ के मोबाइल नंबर ग़लत निकलने।
राजस्व वसूली के पुराने ढर्रे पर पूर्वान्चल प्रबंधन
फोन घुमाओ योजना की हवा निकलते देख प्रबंध निदेशक, पूर्वान्चल ने सभी अभियंताओ को घर-घर जा कर बिल देने औऱ जमा करने का फ़रमान जारी किया, जिसपर वितरण के अभियन्ता उपभोक्ताओ के घर जा-जा कर बिल दे रहे है और पुनः मोबाइल नंबर लेकर फीड कर रहे है।
नई बिलिंग प्रणाली/फर्म के अपग्रेड होने पर भी बिलिंग प्रणाली की वजह से प्रभावित होता राजस्व
वही राजस्व वसूली पर नई बिलिंग प्रणाली के लागू होने/अपग्रेड होने से अगस्त माह में बिलिंग प्रतिशत काफ़ी कम होने से बेची गई बिजली के सापेक्ष बिल न निर्गत होने,बिल सुधार न होने से राजस्व संग्रह में ग्रहण लगता दिख रहा है,जिसके लिए पूर्वांचल प्रबंधन ने नई बिलिंग फर्म को चेन्नई के पते पर स्पष्टीकरण पत्र भेजा है।
दो माह से CS-3/CS-4 के आंकड़े बंद:कागजो में राजस्व मस्त, धरातल पर बढ़ता एरियर,वसूली ध्वस्त,लाइन लॉस दिखाते कम
सूत्रों के अनुसार वही दूसरी तरफ़ पूर्वान्चल की वाणिज्य इकाई पूरी तरह से फेल हो जाने से जुलाई औऱ अगस्त माह के CS-3 औऱ CS-4 के आंकड़े न बन पाने के कारण पूर्वान्चल का राजस्व एकाउंट फर्जी आकड़ो के आधार पर क्लोज़ किया जा रहा है। पीछे साल के आंकड़ों की गणना को ही ऊपर-नीचे कर,लाइन लॉस कम दिखा कर एकाउंट क्लोज़ किये गये, जिससे विभाग के राजस्व की गणना उपभोक्ताओ के खाते में एरियर के रूप में दर्ज होना लाज़मी है। फर्जी आंकड़ों की वज़ह से बढ़ते एरियर से राजस्व वसूली कम होने से क्षेत्रीय अभियंताओ पर वसूली कम होने का दबाव बढ़ता जाता है।
फर्जी आंकड़ों से सरकार को करते गुमराह
विभाग के बिजली सप्लाई,बेची गई बिजली औऱ बिलिंग से राजस्व की गणना एव लाइन लॉस CS-3 औऱ CS-4 से की जाती है,लाइन लॉस भी इसी के तहत निकाला जाता है,जिसकी सूचना/गणना प्रति माह वितरण खण्डों से अवर अभियंता वार ली जाती है जो पूर्वान्चल में पिछले 2 माह से बंद है। आकड़ो की बाजीगरी से ऊर्जा प्रबंधन तो बच जाता है पर बेची गई बिजली के सापेक्ष विद्युत मूल्य की वसूली न होने से बिजलीकर्मचारी पर लक्ष्य के सापेक्ष वसूली न करने के आरोप लगते रहे है।
फर्जी आकड़ो की विस्तृत ख़बर शेष है………