पूर्वांचल

श्रेष्ठ भारत के स्वप्न दृष्टा थे महामना – मेयर

वाराणसी 26 दिसंबर :महामना मदनमोहन मालवीय ने श्रेष्ठ भारत का स्वप्न देखा था और उसे साकार करने के लिए आजीवन यत्न किया। यह कहना है मेयर अशोक कुमार तिवारी का

वह सोमवार को महामना की 163 वीं जयंती के मौके पर सेवाज्ञ संस्थानम् की ओर से आयोजित पंद्रह दिवसीय महामना महोत्सव के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। नई सड़क स्थित सनातन धर्म इंटर कॉलेज में आयोजित समारोह में मेयर ने कहा कि महामना ने समाज की दशा और दिशा बदलने के लिए मूल्यपरक शिक्षा की सुलभता को जरूरी समझा। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना कर देश को ऐसे स्नातकों की मालिका दी जो विश्व में भारतीय संस्कृति के दूत बने। मुख्य वक्ता बीएचयू के प्रो.अवधेश प्रधान ने कहा कि मालवीय जी ने राष्ट्रीय आंदोलन को नई दिशा दी। महामना के विचार अनुकरणीय है। अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के पूर्व सदस्य डॉ हरेंद्र कुमार राय जी ने कहा कि महामना का उद्देश्य देश के नौजवानों को भारतीय संस्कृति में निहित मूल्यों से परिचित कराकर सुनहरे भारत का निर्माण था। इस मौके पर प्रधानाचार्य डॉ जयप्रकाश पांडेय, डॉ प्रतिभा यादव, चारुचंद्रराम त्रिपाठी ने विचार व्यक्त किए। प्रारंभ में अतिथियों ने महामना मदनमोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। संचालन डॉ लोकेंद्र चंद्र ने किया। महानगर संयोजक भावेश उपाध्याय ने बताया की महामना महोत्सव के अंतर्गत 6 जनवरी तक जिले के 10 इंटर कॉलेजो में 10 प्रतियोगिताएं होंगी। दूसरे दिन मंगलवार को महमूरगंज स्थित निवेदिता शिक्षा सदन में 21 वीं सदी का भारत और महामना की दृष्टि विषयक संभाषण प्रतियोगिता होंगी। इसमें 50 इंटर कॉलेज के विद्यार्थी हिस्सा लेंगे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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