सीएम योगी ने यूपी के रहने वाले 8 मजदूरों से मुलाकात की, जमीन देने का किया वादा
लखनऊ 1 दिसंबर :यूपी प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे आठ मजदूरों से शुक्रवार को मुलाकात की। ये सभी आठ मजदूर उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों के रहने वाले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के लिए सभी आठ मजदूर शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे थे। सीएम ने अपने आवास पर सभी से करीब 20 मिनट तक बातचीत की। मुख्यमंत्री से बातचीत करने के दौरान सभी मजदूरों ने 17 दिनों की टनल के अंदर से बाहर आने तक की कहानी साझा की।
सीएम ने किया घर के लिए जमीन देने का वादा
सीएम ने मजदूरों को घर के लिए जमीन देने का वादा किया। इसके साथ ही डॉक्टरों से श्रमिकों को चिकित्सा निगरानी में रखने का निर्देश दिया और फिर सभी मजदूरों को घर के लिए रवाना किया।
कौआ उड़ खेलकर कटते थे मजदूरों के दिन
मजदूरों ने मुख्यमंत्री योगी को बताया कि सूरंग के अंदर हमारा सारा वक्त कौआ उड़ खेलकर कटता था। हमें लगा था कि यही मर जाएंगे। मगर सरकार के प्रयास से बाहर आ गए। इसके बाद सीएम ने शॉल ओढ़ाकर सभी का स्वागत और सम्मान किया।
मजदूरों ने 17 दिनों का हाल बताते हुए कहा कि टनल के भीतर 17 दिन का समय काफी चुनौतीपूर्ण था। करीब 10 दिन फंसे रहने के बाद बाहर से की जा रही मदद के जरिए हमारे पास तक एक पाइप पहुंचा। इसी के जरिए हमें खाना मिल सका। इससे पहले सूखी चीज ही खाने का मिल रही थी।
हम लोगों को परिवार की भी चिंता हुई तो बाहर हमारी मदद में जुटी टीम ने माइक्रोफोन के जरिए परिवार के लोगों से बात कराई। इसके बाद थोड़ा सुकून मिला। समय बिताने के लिए टनल के अंदर की एक-दूसरे से बातचीत करते थे। टनल में ही थोड़ा टहल लेते थे।
12 नवंबर को सिल्क्यारा टनल मे फंस गए थे 41 मजदूर
12 नवंबर 2023 को उत्तरकाशी में बन रही सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा भरभराकर धंस गया। मलबा करीब 60 मीटर तक फैल गया और टनल से बाहर निकले का रास्ता ब्लॉक हो गया। इसमें 41 मजदूर फंसे थे। इन्हें 28 नवंबर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। इनमें यूपी के भी 8 मजदूर फंस गए थे। इनमें श्रावस्ती के अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, संतोष, जय प्रकाश, राम सुंदर, लखीमपुर के मंजीत और मिर्जापुर के अखिलेश शामिल थे।
श्रावस्ती के मजदूरों का पूरा गांव कर रहा इंतजार
श्रावस्ती में जिला मुख्यालय से करीब 65 किमी. दूर सिरसिया थाना क्षेत्र में मोतीपुर कला गांव पड़ता है। यहां पहुंचने के लिए एक पगडंडी जैसे संकरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। इसी गांव के सत्यदेव, राम मिलन, संतोष कुमार, राम सुंदर, जय प्रकाश और अंकित के घर आने का परिवार समेत पूरा गांव इंतजार कर रहा है।
लखीमपुर खीरी के मंजीत के घर मनेगी दिवाली
लखीमपुर खीरी के रहने वाले मंजीत की मां चौधराइन देवी ने सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि भगवान के साथ सरकार ने उसको नई जिंदगी दी है। जिस दिन से बेटे के फंसे होने की सूचना मिली थी, हमारे लिए तो दिन में ही अंधेरा था, लेकिन आज हम बहुत खुश हैं। मंजीत से हमारी फोन पर बात हुई है। उसने कहा कि मम्मी हम ठीक हैं। अभी हम जांच के लिए अस्पताल जा रहे हैं। हमारे घर में दिवाली मनाई जा रही है। बच्चे खुश हैं।’