पूर्वांचल

हिंदी और भोजपुरी के प्रख्यात कवि पंडित हरिराम द्विवेदी का निधन

वाराणसी8 जनवरी :हिंदी और भोजपुरी के प्रख्यात कवि पंडित हरिराम द्विवेदी का सोमवार दोपहर 2:30 बजे उनके आवास पर निधन हो गया। पंडित हरिराम द्विवेदी का जन्म 12 मार्च 1936 को मिर्जापुर के शेरवा गांव में हुआ था। उनके निधन की जानकारी मिलते ही शुभचिंतकों में गम का माहौल हो गया। मर्यादा इस देश की पहचान है, गंगा पूजा है, धर्म दिन है, ईमान है, गंगा जैसे प्रसिद्ध गंगा गीत सहित सैकड़ों भोजपुरी काव्य रचना करने वाले देश के ख्याति लाभ साहित्यकार पंडित हरिराम द्विवेदी हरिराम द्विवेदी का सोमवार को मोती झील स्थित आवास पर निधन हो गया। पंडित हरिराम द्विवेदी आकाशवाणी और भोजपुरी जगत की एक बड़ी शख्सियत थे। वह बहुत लोकप्रिय कवि थे। उन्हें साहित्य अकादमी भाषा सम्मान, राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा), साहित्य भूषण (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा), साहित्य सारस्वत सम्मान (हिंदी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग) सहित कई अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए थे। साथ ही संकट मोचन संगीत समारोह सहित अनेक बड़े-बड़े समारोह में मंच साझा करते हुए दर्जनों काव्य रचनाओं का संपादन करने के साथ-साथ ही वह भोजपुरी के बहुत बड़े ख्यातिलब्ध कवि थे। समाजसेवी रामयश मिश्रा ने कहा कि भोजपुरी साहित्य का एक चमकता सितारा चला गया। उनके मुख्य कविता संग्रह अंगनइया, पातरि पीर, जीवनदायिनी गंगा, साई भजनावली, पानी कहे कहानी, पहचान, नारी, रमता जोगी, बैन फकीर, हाशिये का दर्द, नदियो गइल दुबराय आदि थे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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