एक झलक

12 अगस्त को दिनभर रहेगा रक्षाबंधन का मुहूर्त- पं. शिवपूजन चतुर्वेदी

वाराणसी,9 अगस्त: तारापुर टिकरी,सामने घाट,लंका स्थित स्थित वैदिक शोध संस्थान वैदिक एजुकेशनल रिसर्च सोसायटी ने रक्षाबंधन की तिथि 12 अगस्त को निर्धारित की है। मुहूर्त निर्धारण वाराणसी व देश के महत्वपूर्ण विद्वानों से परामर्श के पश्चात किया गया है। सोसायटी के अध्यक्ष ज्योतिर्विद पं. शिवपूजन चतुर्वेदी ने बताया कि ज्योतिषीय विवेचन से सिद्ध हुआ है कि श्रावण पूर्णिमा 11 अगस्त को प्रात: 9.35 बजे प्रारंभ होकर 12 अगस्त को प्रात: 7.17 बजे तक भोग कर रही है। परन्तु 11 अगस्त को प्रात: 9.35 बजे से रात्रि के 8.30 बजे तक भद्राकाल भोग कर रहा है। शास्त्रानुसार भद्राकाल में रक्षाबंधन अथवा शुभकार्य वर्जित हैं। इस विषय पर निर्णय ग्रंथों की समीक्षा एवं विख्यात ज्योतिर्विद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व ज्योतिष विभागाध्यक्ष रहे प्रो. चन्द्रमौलि उपाध्याय, प्रो. चन्द्रमा पाण्डेय, प्रो. राम जीवन मिश्र, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. मधुसूदन मिश्र, महाराजा कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के पूर्व कुलपति राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध ज्योतिर्विद एवं पंचांगकार प्रोफेसर रामचंद्र झा एवं गया के डा. रामकेश्वर तिवारी से शास्त्रीय विमर्श के बाद निर्धारित हुआ कि रक्षाबंधन का मुहूर्त 11 अगस्त की रात्रि 8.30 बजे से 12 अगस्त की सुबह 7.17 बजे तक होगा। दिन में मुहूर्त उपलब्ध रहने पर रात्रिकाल में पर्व मनाना शास्त्रसम्मत नहीं है।

रक्षाबंधन श्रावणी कर्म के बाद हीं किया जाता है। ऐसी स्थिति में रक्षाबंधन का उत्तम मुहूर्त 12 अगस्त को ही होगा जो प्रात: 5.30 से सायंकाल तक होगा। यह सर्वथा शुभ एवं कल्याणकारी होगा।

पंडित चतुर्वेदी ने बताया उनके संस्थान द्वारा संचालित छित्तूपुर स्थित वेद मंदिर में रक्षाबंधन के अवसर पर 12 अगस्त को विशेष पूजा का आयोजन है जिस cमें शामिल होकर मां गायत्री एवं मृत्युंजय महादेव की परमकृपा प्राप्त की जा सकती है। पूजन नि:शुल्क है। पूजनसामग्री एवं आचार्यगण पर होनेवाला व्यय संस्थान वहन करेगा।भवदीय

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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