एक झलक

पुत्र की लंबी आयु के लिए आज रखा जाएगा जितिया व्रत

6 अक्टूबर 2023

हिंदू धर्म में जितिया व्रत का अधिक महत्व है। यह व्रत पुत्र की लंबी आयु के लिए मुख्य रूप से रखा जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। जितिया व्रत नहाय खाय से शुरू होकर सप्तमी, आष्टमी और नवमी तक चलता है। इस इस दौरान मां पुत्र प्राप्ति के लिए भी यह उपवास करती है। यह एक निर्जला व्रत है।

अक्सर महिलाएं इस व्रत की तैयारी सप्ताह भर पहले ही शुरू कर देती हैं। इस साल जितिया व्रत अक्तूबर माह में रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि, ये व्रत महाभारत के समय से रखा जाता आ रहा है। जब द्रोणाचार्य का वध हो गया था तो उनके बेटे अश्वत्थामा ने आक्रोशित होकर ब्रह्मास्त्र चला दिया था। जिससे अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहा शिशु नष्ट हो चुका था। फिर अभिमन्यु की पत्नी ने ये व्रत किया और इसके बाद, श्रीकृष्ण ने शिशु को फिर जीवित कर दिया। तभी से महिलाएं अपने बच्चे की लंबी उम्र के लिए ये उपवास करती है।
ये व्रत विशेष रूप से बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश में रखा जाता है। महिलाएं इस दौरान पूजा करके इस इसकी शुरुआत करती है।

कब व्रत का मुहूर्त

जितिया व्रत अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 अक्तूबर 2023 को सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही अष्टमी तिथि का समापन 7 अक्तूबर 2023 को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। वहीं व्रत पारण का समय – सुबह 08.08 के बाद का है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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