पूर्वांचल

पूर्वांचल विद्युत निगम के भ्रष्टाचारी जानपद इकाई ठेकेदारों पर मेहरबान,प्रबन्धन खामोश

वाराणसी29मई:पूर्वांचल विद्युत निगम के सिविल जानपद क्षेत्र मे भ्रष्टाचार और घोटालों के उजागर होने का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जानपद इकाई के तमाम नये पुराने घोटालों की जाँच बिना कार्यवाही के फाईलो में दफ़न है,सिविल जानपद में विभागीय नियम कानून, नियमावली का कोई मतलब ही नहीं रह गया है। अंधेर नगरी चौपट राजा वाली तर्ज पर काम हो रहे हैं।घोटालेबाज अधिकारी अपनी जाँचो में तिकड़मबाजी कर सेवानिवृत्त हो जाता है/रहे है औऱ विभाग भ्रष्टाचार की लकीरों को पीटता रहता है।

गोरखपुर में भ्रष्टाचार का नया मामला

नया मामला विद्युत जानपद वितरण खंड, गोरखपुर का है,मामला विद्युत विभाग के पुराना पावर हाउस कॉलोनी, रेलवे स्टेशन रोड, गोरखपुर विभागीय आवास संख्या- सी-3 में अवैध कब्जा करके रह रहे ठेकेदार राजेश नायक के संबंध में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियो,विभागीय अधिकारियों से शिकायतकर्ता ने शिकायत की है। जिसमे ठेकेदार शुभम नायक के पिता श्री राजेश नायक विभागीय कॉलोनी में 15 साल से अवैध रूप से कब्जा करके रह रहे हैं। यह सब कुछ शत्रुघ्न राम, अधिशासी अभियंता और सिविल खंड की जानकारी में हुआ। उनके द्वारा औपचारिकता के लिये खाली करने के लिए पत्र सं0-519 दिनांक-25 सितंबर 2019 लिखा गया, लेकिन आवास खाली करने के लिए कुछ भी प्रयास नहीं किया गया न तो एफ0आई0आर0 दर्ज नही की गई और न ही पुलिस में कोई शिकायत की गई। इसके अतिरिक्त शत्रुघ्न राम के चहेते शशि कपूर भारती, अवर अभियंता जिनकी तैनाती जनपद बस्ती में है और जिनका गृह जनपद गोरखपुर है। उनके द्वारा अपने गृह जनपद में करोड़ों के विभागीय कार्य कराने के आरोपों की जांच चल रही है। उन्हें भी 2017 मे मोहद्दीपुर, गोरखपुर स्थित हाइडिल कॉलोनी में आवास संख्या बी-5 आवंटित किया गया था, जिसे उनके द्वारा-25 जनवरी 2020 को खाली किया गया। सवाल यह है कि एक अवर अभियंता जिसकी तैनाती जनपद बस्ती में है, उसे गोरखपुर में विभागीय आवास कैसे आवंटित हो सकता है जैसे आरोपों की जाँच कर कार्यवाही की मांग की गई है। वैसे अधिशासी अभियंता,शत्रुघ्न राम पर पोल इकाई में रह कर किये गए करोड़ों के घोटाले की जांच चल रही है।

पूर्वांचल मुख्यालय में भी ठेकेदारो का कब्जा

शूत्रो के अनुसार गोरखपुर के साथ पूर्वांचल मुख्यालय स्थिति कॉलोनी में भी ठेकरोदारो को विभागीय सम्पत्ति पर अधिषासी अभियंता ने कब्जा दे रखा है। जानपदीय अनुरक्षण,विद्युतीय अनुरक्षण औऱ साफ-सफाई में लगे ठेकेदार कॉलोनी में ही कब्जा कर ऑफिस बना रखें है जिसके एवज में ठेकेदार तमाम अधिकारियो के बंगलो पर दंडवत हो जी हुजूरी में लगे रहते है।

जानपद इकाई बन चुका है भ्रष्टाचार का मकड़जाल

सिविल इकाई के मुख्य अभियंता,अधीक्षण अभियंता,अधिषासी अभियंता सहित अवर अभियंताओ पर पूर्वांचल से ले कर पावर कारपोरेशन मुख्यालय तक भ्रष्टाचार की तमाम जांच चल रही है,उसके बावजूद भी ये सभी अपनी अपनी जगहों चांदी का जूता ले कर तैनात है औऱ समय समय पर चांदी के जूतों का उपयोग करते रहते है।

कारपोरेशन मुख्यालय में नही दिखा चांदी के जूते का कमाल

कारपोरेशन के मुखिया ने ठेकेदार के घूस माँगने की शिकायत पर जांचोपरांत लखनऊ में सिविल के अधिशासी अभियंता को किया सेवा से बर्खास्त देखना दिलचस्प होगा कि पूर्वान्चल विद्युत निगम कारपोरेशन मुख्यालय से सबक लेकर दोषियों को दंडित करेगा या जांच के नाम पर चांदी के जूतों से मुंह सुझवा कर खेला करेगा।खैर

 

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *