वाह रे मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, जुगाड है तो मध्यांचल मे तो सब कुछ संभव है
लखनऊ 8 जुलाई मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मे अवैध रूप से तैनात अनुभवहीन बडका बाबू की नाक के नीचे ट्रान्सफर पोस्टिग का खेल चल रहा है लेकिन अनुभवहीन बडकऊ को इसका गुमान ही नही आज कल चर्चा है कि महाशय को कुछ भी नही मालूम जिसका फायदा निदेशक कार्मिक एवम प्रशासन उठा कर अपनी जेब गर्म कर रहे है वैसे भी अपनी आखरी पारी खेल रहे निदेशक महोदय को मालूम है कि सितंबर मे तो चले ही जाना है इस्तीफा दे ही चुके है कोई उनका अब कुछ भी बिगाड नही सकता तो जम का लूट का खेल खेला जा रहा है चर्चा तो यहाँ तक है कि सरकारी आदेशो की भी पूरी तरह से धज्जिया उडा कर जिसने चाँदी का जूता मारा काम करा लिया सरकारी आदेश है कि जिनकी सेवानिवृत्ती मे एक साल या उससे कम समय रह गया है तो ऐसे लोगोशको उनके गृह जनपद या उनके मन मुताबिक जगह पर तैनाती दी जाऐ परन्तु मध्यांचल मे तो चल रहा है चादी का जूता अनुभवहीन बडकऊ के कमरे के बगल मे जो स्टाफ बैठा है वोही कम से कम 15 – 20 साल से जमे है कोई उनको हटाने वाला ही नही है यहा तक कि अगर कोई बडकऊ यानि कि प्रबन्ध निदेशक मध्याचल से मिलने जाता है तो यही दोनो लोग तय करते है कि कौन बडकऊ से मिलेगा कौन और कौन नही ऐसे ही लेसा सिस गोमती हुसैनगंज एक बाबू ने तो पूरी जिन्दगी ही लखनऊ के हुसैनगंज मे काट दी ऐसे ही रायबरेली के परम भ्रष्टाचारी पिछले 20 साल से वही जमे हुए है जुगाड देखे तो कभी यूनितन के नेता बन जाते है तो कभी बीमार तो कभी अपने उच्च अधिकारियो से यह लिखवा देते है कि यहा कार्यालय का काम इनके बिना नही चलेगा यानि कि यह भ्रष्टाचार का उच्चतम माप दण्ड कि अगर यह खये तो टेण्डर कौन मैनेज करेगा और तो और अगस्त 19 मे रायबरेलि से स्थानांतरित हो कर लेसा सर्किल 7 मे जाने वाली एक महिला कर्मचारी जो कि पिछले 15 सालो से यहा डेरा डाले हुई थी उनको भी चादी के जूते के बल पर वापसी की तैयारीया हो रही है लेकिन शासनादेश की कोई परवाह नही यानि कि जिसने जो जितना बडा जूता मारेगा काम उतने ही पक्के होगे चाहे ट्रान्सफर पोस्टिग हो या टेण्डर ।
यही सब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के भ्रष्टाचार की जड है जिसको दूर करने की जिम्मेदारी बडका बाबू पर है लेकिन बडकऊ की अनुभवहीनता का फायदा निदेशक महोदय उठा रहे है और अपना मुँह चांदी के जूतो से खुले आम सुजवा रहे है । तो बोलो अनुभवहीन ही बडा बाबू की जय और जय हो मध्यांचल के भ्रष्टाचार की । खैर
युद्ध अभी शेष