विद्युत विभाग:चेयरमैन द्वारा ओबरा जल विद्युत गृह का किया गया निरीक्षण:दिये आवश्यक निर्देश
लखनऊ/वाराणासी 14 सितम्ब:UPPCL के चेयरमैन के पूर्वान्चल दौरे के क्रम में उन्होंने ओबरा परियोजना का निरीक्षण किया। दो दिवसीय प्रवास के दौरान उन्होंने ओबरा परियोजना के विस्तारीकरण के अन्तर्गत हो रहे कार्यो की विस्तृत समीक्षा की और उसे समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिये।
उल्लेखनीय है कि ओबरा ‘सी’ परियोजना की प्रथम इकाई, 25 अगस्त के रात्रि 08.32 बजे ग्रिड से जोड़ ली गयी है, तदोपरान्त इकाई को पूर्ण लोड पर चलाने हेतु वांछित कार्य पूर्ण करने की कार्यवाही चल रही है। अध्यक्ष द्वारा ओबरा ‘सी’ परियोजना की दोनों इकाईयों का निरीक्षण करने के पश्चात तापीय परियोजना के अधिकारियों तथा मेसर्स दूशान प्रा० लि० एवं मेसर्स जी० ई० कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक कर परियोजना की प्रथम इकाई को पूर्ण लोड पर चलाने के साथ साथ कोल हैण्डलिंग के निर्माण में आ रही समस्या व राख निस्तारण आदि बिंदुओं पर क्रमवार समीक्षा की गयी।
चेयरमैन द्वारा दूसरी इकाई को भी वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्दर समकालित किये जाने के लक्ष्य के साथ समयबद्ध कार्यवाही हेतु परियोजना के अधिकारियों तथा मेसर्स दूशान को निर्देशित किया गया।
चैयरमैन द्वारा ओबरा ‘बी’ परियोजना का विधिवत निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान ‘ब’ तापीय परियोजना की सभी इकाईयों से अधिकतम पी०एल०एफ० प्राप्त करने हेतु हर सम्भव प्रयास करने तथा इकाईयों की ओवरहॉलिंग ससमय सम्पन्न कराने के भी निर्देश दिये गये । अध्यक्ष द्वारा परियोजना से उत्सर्जित होने वाली राख के अधिकतम उपभोग हेतु परियोजना को प्रयास करने के निर्देश दिये गये। निर्देशित किया गया कि आस-पास के क्षेत्रों में यह प्रचारित कराया जाय कि परियोजना के पास सूखी राख उपलब्ध है जिसे ब्रिक मैन्युफैक्चरिंग इत्यादि हेतु मांगे जाने पर निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि परियोजना द्वारा एक वर्कशाप आयोजित कर सूखी राख के उपयोग को बढ़ावा दिये जाने के बारे में लोगों को जागरूक किया जाये तथा जिला प्रशासन से यह अनुरोध किया जाए कि सरकारी भवनों के निर्माण, सड़कों के निर्माण में परियोजना के पास उपलब्ध सूखी राख के उपयोग को प्राथमिकता दी जाये। यह भी निर्देश दिये गये। कि नवीनतम टेक्नालाजी में सूखी राख के उपभोग की सम्भावनाएं तलाशी जायें।
ओबरा जल विद्युत गृह का निरीक्षण किया गया तथा यह निर्देशित किया गया कि जल विद्युत की इकाईयों से अधिकतम विद्युत उत्पादन हेतु हर सम्भव प्रयास किये जायें। ओबरा जल विद्युत गृह, जो एक अत्यन्त पुरानी परियोजना है, को धरोहर के रूप में संरक्षित कर पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विकसित किये जाने के निर्देश दिये गये ।
इस अवसर पर निदेशक (परियोजना एवं वाणिज्य) रांजय कुमार दत्ता, मुख्य महाप्रबंधक राधे गोहन राहित ओबरा ‘बी’ परियोजना, ‘सी’ परियोजना तथा जल विद्युत परियोजना के तमाम अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।