विद्युत विभाग:स्मार्ट सिटी में एक औऱ स्मार्ट घोटाला: विभाग को लगाई लाखो की चपत:अपनी गर्दन बचाने को,लगे घोटाले की गर्दन दबाने
वाराणसी 22 मार्च:””””””शम्भू राज में संभव”””””””’प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र स्मार्ट सिटी वाराणसी में एक औऱ घोटाले के उजागर होने से पूर्वान्चल निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी।
उल्लेखनीय है कि पूर्वान्चल निगम करोड़ो के तमाम चर्चित घोटालों में सुर्खियों के बीच भ्रष्टाचारी अधिकारियों की तिकड़मबाजी कर मलाईदार पदों पर डटे रहने औऱ घोटालों का गला घोंटने रहने से आये दिन भ्रष्टाचार के मामले बढ़ते रहे।
विभागिय नियमो को किया दर किनार
इसी क्रम में एक बार पुनः अधिकारियो द्वारा विभागिय नियमो को दर-किनार कर बड़े विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ पहुँचाने औऱ विभाग को लाखों की चपत लगाने का मामला प्रकाश में आया।
वाराणासी में गदौलिया इलाके में एक दुकान में विभाग द्वारा हैवी लोड विद्युत भार का कनेक्शन जारी किया यही नही दुकान नंबर भी एक है।
कनेक्शन देने में नियमों का पालन नहीं हुआ। बिना इस्टीमेट के पब्लिक ट्रांसफार्मर से शॉप तक केबल खींचा
वाराणासी में मंडुवाडीह डिवीजनों में बिजली बिल घोटाला के बाद अब गलत तरीके से कनेक्शन देने का मामला सामने आया है। भेलूपुर डिवीजन के अभियंताओं ने गोदौलिया चौराहे की एक शॉप पर दो कनेक्शन जारी कर दिए। शॉप का नंबर एक ही है, कनेक्शन अलग-अलग नाम से हैं। एक कनेक्शन 44 किलोवॉट जबकि दूसरा 46 किलोवॉट का है।
दो-दो जांच टीम:नही हुईं कोई कार्यवाही
मामला सुर्खियों में आने के बाद कुम्भकरणी नींद से जागी भ्रष्टाचारियों की टीम ने अधिशासी अभियन्ता,भेलूपुर खंड औऱ सहायक अभियंता,भदैनी ने मौके पर जांच की तो एक दुकान पर दो कनेक्शन समेत 6 कनेक्शन मिले, सभी कैंनेक्शन मे गड़बड़ियों का खुलासा हुआ। वीडियोग्राफी के साथ अधिष्ठान से पूछताछ की गई। अधिषासी अभियन्ता की जांच में स्थानीय अवर अभियंता की कार्यप्रणाली संदिग्ध मिली। वही मामला चर्चाओं में आने के बाद MD ने भी जांच टीम बनाई है।
एक दूसरे को टोपी पहनाते अधिकारी:तिथियों में होता खेला
गर्दन फसते देख अधिकारियो ने लीपापोती करनी चालू कर दी, सूत्र बताते है कि अपनी-अपनी गर्दन बचाने के लिए 44 किलोवॉट के कनेक्शन पर संयोजन तिथि एक जनवरी 1911 अंकित कर दी। जबकि, दूसरे कनेक्शन पर संयोजन तिथि 3 दिसंबर 1993 दर्ज है।
पड़ताल जारी ——