विद्युत विभाग: संघर्ष समिति की बिजलिकर्मियो से अपील :मुख्यमंत्री के मंशा/प्रयास को पूरा करने का संकल्प: हड़ताल के कारण प्रबन्धन द्वारा की गई/की जा रही उत्पीड़न के संबंध में देंगे ज्ञापन
वाराणसी/लखनऊ 2 जुलाई रविवार: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश की 02 जून को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सर्वोच्च प्राथमिकता पर निलंबित कर्मचारियों का निलंबन वापस कराना, निस्कासित संविदा कर्मचारियों की बहाली कराना और हड़ताल में भाग लेने वाले सभी कर्मचारियों को हड़ताल की अवधि की कंटिन्यूटी दिलवाना तथा हड़ताल के कारण हुए/ किए जा रहे समस्त उत्पीड़न को वापस कराना है।
इसे हेतू प्रथम चरण में ऊर्जा निगम के चेयरमैन से मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया जाएगा और माननीय ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि उत्पीड़न की समस्त कार्रवाई वापस न हुईं तो उत्पीड़न समाप्त कराने हेतु अन्य सभी लोकतांत्रिक कदम उठाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि 19 मार्च 2023 को माननीय ऊर्जा मंत्री ने ऊर्जा निगम के चेयरमैन को स्पष्ट निर्देश दिया था कि उत्पीड़न की समस्त कार्रवाई वापस ले। इसके विपरीत साढ़े तीन माह बाद भी उत्पीड़न की कार्यवाहियां वापस नहीं ली गई हैं।
इस सम्बन्ध में संघर्ष समिति ने वरिष्ठ मंत्रियों से मिलकर ऊर्जा निगमों के हित में प्रभावी हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। वरिष्ठ मंत्रियों ने तथा भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल ने इस सम्बन्ध में मा मुख्यमंत्री और मा ऊर्जा मंत्री से भी बात की है। इस प्रयास के भी सार्थक परिणाम की आशा है।
*संघर्ष समिति की कर्मचारियो से अपील*
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में बिजली कर्मी भीषण गर्मी में भी बिजली व्यवस्था सुचारू बनाए रखने हेतु सतत प्रयत्नशील है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरो, संविदा कर्मचारियों और अभियंताओं से अपील की है कि वे सीमित संसाधनों के बावजूद उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान करें और बिजली व्यवस्था को सुचारू बनाए रखें।